For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

Views: 12380

Reply to This

Replies to This Discussion

महाउत्सव - 42 में एक दिन में एक से ज्यादा प्रविष्टियाँ संभव हैं क्या ??

http://www.openbooksonline.com/forum/topics/42-2?xg_source=activity

उपरोक्त लिंक पर आप यदि आगामी महोत्सव से सम्बन्धित जानकारियाँ देखें तो अति आवश्यक सूचना के अंतर्गत निम्नलिखित विन्दु सापेक्ष होते हैं.

  • रचनायों को विषय के बंधन से भी मुक्त रखा गया है, अर्थात आप अपने मन पसंद विषय पर कह-मुकरी कहने के लिए स्वतंत्र  हैं.
  • इस बार प्रविष्टियों की संख्या को अधिकतम सीमा से मुक्त रखा गया है.
  • सदस्यगण आयोजन की अवधि के दौरान प्रति प्रविष्टि सिर्फ पाँच उच्चस्तरीय कह-मुकरियाँ प्रस्तुत कर सकते हैं.

इसका अर्थ हुआ कि प्रविष्टियाँ चाहे जितनी आयें, हर कह-मुकरी काव्य परम्परा के अनुसार हों  तथा स्तरीय हों. साथ ही, एक प्रविष्टि में अधिकतम पाँच बन्द (या कह-मुकरियाँ) ही हों.

शुभेच्छाएँ

"ख़ामोश रहेंगे और तुम्हें हम अपनी कहानी कह देंगे"

फेलुन  फेलुन  फेलुन  फेलुन  फेलुन  फेलुन  फेलुन  फेलुन

22     22     22       22      22       22      22      22 


आदरणीय क्या इसमें यह बहर लागू नहीं हो सकती है
मफ़ऊल मफाईलुन फ़ैलुन मफ़ऊल मफाईलुन फ़ैलुन
कृपया ज्ञान जरूर देने की कृपा करें i धन्यवाद

इस मिसरे में यह बहर भी फिट बैठती है पर जिस मूल ग़ज़ल से यह मिसरा लिया गया है शायर ने वहां फेलुन फेलुन वाली बहर का इस्तेमाल किया है| आप चाहें तो सारे मिसरे 'मफ़ऊल मफाईलुन फ़ैलुन मफ़ऊल मफाईलुन फ़ैलुन' पर भी कह सकते हैं|

मान्यवर उत्सव अंक 46 मेँ रचना पोस्ट करने हेतु क्या reply  या  upload files मे एड करना होगी?

आदरणीय प्रेम नारायण जी,  किसी आयोजन में अपनी प्रस्तुति को सम्मिलित कराने के लिए आयोजन के मुख्य पेज पर  Reply to This   बॉक्स में रचना को पेस्ट कर  Add Reply  बटन क्लिक कर दें.

किसी रचनाकार की रचना पर अपनी टिप्पणी देने के लिए रचना के साथ ही (उसके नीचे) लगे रिप्लाइ बटन को क्लिक करें. एक बॉक्स खुलेगा.. उस बॉक्स में अपनी टिप्पणी पेस्ट कर ऐड बटन क्लिक कर दें. 

Trahi gazal kya main blog pe post karni hai janaab 

ऐसा संभव नहीं है, अयूब खान बिस्मिल भाई.

ओबीओ पर ऑनलाइन प्रकाशित हो चुकी रचना किसी सूरत में पुनः स्थान नहीं पा सकती. कोई ग़ज़ल यदि इस मंच के तरही-मुशायरे के आयोजन में शामिल हो चुकी है तो वह प्रकाशित ही मानी जायेगी.

मंच संचालिका आदरणीया प्राचीजी,

चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता को 12-13 दिन का समय मिलता है वहीं तरही गज़ल को 20-22 दिन का लेकिन महा उत्सव को 5-6 दिन ही मिल पाता है । मुझे लगता है कि महाउत्सव का विषय चुनने में देर तो नहीं लगती होगी पर अन्य दो के कारण  आयोजन कैलेण्डर की घोषणा में न चाहते हुए भी देर हो जाती है। महाउत्सव के  प्रतिभागियों को अपनी सुविधानुसार उस विषय पर लिखने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। विशेषकर उन्हें जो लिखना सीख रहे है। 

एक सुझाव है कि आप  1--2 तारीख तक महा उत्सव का विषय घोषित कर दीजिए अन्य दो की घोषणा बाद में होती रहेगी। 

गोल्डन ज़ुबली अंक है इसलिए इसे भी 3 दिन का कर दीजिए।

नवम्बर 2014 को दिसम्बर 2014 कर लीजिए।  

सादर 

आदरणीय अखिलेश श्रीवास्तव जी, महाउत्सव विधामुक्त होता है अर्थात तुलनात्मक रूप से अन्य दोनो आयोजनो से सरल, इसलिए हम यह मान कर चलते हैं कि तैयारी हेतु कम समय की आवश्यकता होगी, फिर भी प्रयास रहता है कि कैलेण्डर शीघ्र घोषित कर दी जाय।
आपके सुझाव के अनुसार प्रबंधन महोत्सव गोल्डन जुबली अंक की अवधि 3 दिन करने पर सहमत है, महोत्सव को दिनांक 14 दिसंबर तक विस्तारित किया जाता है ।
टंकण त्रुटि सुधार ली गयी है । सहयोग हेतु आभार ।

आदरणीय मैं मुशायरे में रचना कैसे पोस्ट करूं
खेती की जमीनों पे फसलों की रिदाओं में!
क्यूं शहर उगाते हो खुशबू की फिजाओं में!!

वे सख्त जुबां हैं पर दिल मोम के रखते हैं!
माँ जिस्म-ए- मुहब्बत है तो रूह पिताओं में!!

छप्पर वे बिटौरे और वे धूल भरे रस्तें!
वो बात नहीं है अब गाँवों की अदाओं में!!

कागज की भी कश्ती का हमको न तजुरबा था!
और नाव चले लेकर तूफानी हवाओं में!!

तारे भी नहीं आये तुमने भी नहीं देखा!
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओं में!!

कल रात बचा लाई अम्मी की दुआ वरना!
था कैद तेरा 'राहुल' जंजीर-ए-बलाओं में!!

मौलिक अप्रकाशित

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर

1222-1222-1222-1222जो आई शब, जरा सी देर को ही क्या गया सूरज।अंधेरे भी मुनादी कर रहें घबरा गया…See More
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service