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सभी साहित्य प्रेमियों को प्रणाम !

साथियों जैसा की आप सभी को ज्ञात है ओपन बुक्स ऑनलाइन पर प्रत्येक महीने के प्रारंभ में "महा उत्सव" का आयोजन होता है, उसी क्रम में ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रस्तुत करते है ......

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक 

इस बार महा उत्सव का विषय है "बरखा बहार आई"

आयोजन की अवधि :- ८ जुलाई २०११ शुक्रवार से १० जुलाई २०११ रविवार तक

महा उत्सव के लिए दिए गए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते है | उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम निम्न है ...

विधाएँ
  1. तुकांत कविता
  2. अतुकांत आधुनिक कविता
  3. हास्य कविता
  4. गीत-नवगीत
  5. ग़ज़ल
  6. हाइकु
  7. व्यंग्य काव्य
  8. मुक्तक
  9. छंद [दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका वग़ैरह] इत्यादि |

साथियों बड़े ही हर्ष के साथ कहना है कि आप सभी के सहयोग से साहित्य को समर्पित ओबिओ मंच नित्य नई बुलंदियों को छू रहा है OBO परिवार आप सभी के सहयोग के लिए दिल से आभारी है, इतने अल्प समय में बिना आप सब के सहयोग से कीर्तिमान पर कीर्तिमान बनाना संभव न था |

इस ९ वें महा उत्सव में भी आप सभी साहित्य प्रेमी, मित्र मंडली सहित आमंत्रित है, इस आयोजन में अपनी सहभागिता प्रदान कर आयोजन की शोभा बढ़ाएँ, आनंद लूटें और दिल खोल कर दूसरे लोगों को भी आनंद लूटने का मौका दें |

( फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो ८ जुलाई लगते ही खोल दिया जायेगा )

यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें |

नोट :- यदि आप ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्य है और किसी कारण वश महा इवेंट के दौरान अपनी रचना पोस्ट करने मे असमर्थ है तो आप अपनी रचना एडमिन ओपन बुक्स ऑनलाइन को उनके इ- मेल admin@openbooksonline.com पर ८ जुलाई से पहले भी भेज सकते है, योग्य रचना को आपके नाम से ही महा उत्सव प्रारंभ होने पर पोस्ट कर दिया जायेगा, ध्यान रखे यह सुविधा केवल OBO के सदस्यों हेतु ही है |

( "OBO लाइव महा उत्सव" सम्बंधित किसी भी तरह के पूछताक्ष हेतु पर यहा...

मंच संचालक

धर्मेन्द्र शर्मा (धरम)

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Replies to This Discussion

अपना नेट अतुकान्त हो चला है.. अपनी उपस्थिति-काल का विन्दु यहीं तक.

हमसभी ने इस आयोजन-यज्ञ में अपनी-अपनी पवित्र समिधाएँ डाल हवनाग्नि को यथाशक्ति प्रज्ज्वलित रखा.

सादर धन्यवाद साथियो..    ........... निशास्वस्ति.....

आदरणीय आलोक जी की ओर से एक हरिगीतिका प्रस्तुत की जा रही है .............
घन की घटा घनघोर घहरत रंग श्यामल सोहहीं,
नियराय धरती  जलद छाये मन मयूरन मोहहीं,
झर झर झमाझम मेघ बरसत, नीर माला पोहहीं.
आलोक प्रिय से कब मिलन हो बाट प्रियतम जोहहीं..
अलंकारों से आभूषित इस शानदार हरिगीतिका को गुनगुना कर वाकई इस मौसम में दो गुणा आनंद  आ गया .....इसे प्रेषित करने हेतु हम आदरणीय आलोक जी के आभारी हैं ......:))
बहुत खूब आदरणीय आलोक जी , बहुत ही सुंदर छंद हरिगीतिका की प्रस्तुति आप ने दी है , हम आभारी है आपका और भाई अम्बरीश जी का जिनके माध्यम से इस रचना को हम सभी पढ़ पा रहे है |
आदरणीय आलोक जी की ओर से एक और रचना  प्रस्तुत की जा रही है .............
कसम न तोड़ सके हम वफ़ा के वादों की,
जलाये बैठें हैं शम्मा तुम्हारी यादों की.
अब्र ए रिमझिम की जगह काश तुम यहाँ  होते,
घुप अँधेरा है घटायें हैं रात भादों की.
//कसम न तोड़ सके हम वफ़ा के वादों की,
जलाये बैठें हैं शम्मा तुम्हारी यादों की.
अब्र ए रिमझिम की जगह काश तुम यहाँ  होते,
घुप अँधेरा है घटायें हैं रात भादों की.//

आदरणीय आलोक सीतापुरी जी की यह रचना भी कहीं से कम नहीं  ...........इसके सृजन के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ .......
वाह , यह भी खुबसूरत है , बधाई |

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९  में उपस्थित सभी सदस्यों को स्नेह भरा प्रणाम !
पिछले तीन दिनों से हम सभी साहित्य सरिता में गोते लगाते रहे, एक से एक सुंदर-सुंदर रचनायें प्रस्तुत किये गये, बड़ा ही आनंद आया, कुल मिलाकर तीन दिनों के अन्दर कुल रचनाओं सहित करीब १११६ Reply यह बताने में समर्थ है कि कार्यक्रम सफल रहा | ओ बी ओ पर संचालित होने वाले किसी भी त्रिदिवसीय आयोजन में अब तक ७४५ Reply का किर्तिमान था जो बहुत ही पीछे छुट चूका है | आदरणीय प्रधान संपादक जी, मंच संचालक आदरणीय श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी सहित ओ बी ओ के सभी सदस्य इस अभूतपूर्व आयोजन के सफलता हेतु बधाई के पात्र है |  बृहत् रपट तो प्रधान संपादक जी द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा |
इस शानदार महा उत्सव में उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद देते हुए "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९ के सफल समाप्ति की घोषणा करता हूँ तथा आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता और "OBO लाइव तरही मुशायरे" में आप सभी के चढ़ बढ़ के हिस्सा लेने की कामना करता हूँ |
धन्यवाद सहित

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1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

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