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ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार का एक वर्ष का सफ़र : कैसा रहा आपका अनुभव..

साथियों !

सबसे पहले मैं आप सभी को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ आपका अपना OBO परिवार एक वर्ष का सफ़र सफलता पूर्वक तय कर लिया है, इस परिवार के साथ आपका अनुभव कैसा रहा यह आप यहाँ लिख सकते है ताकि हमें भी जानकारी प्राप्त हो सके कि क्या चाहते है हमारे प्रिय सदस्य |

इस वर्ष हेतु योजना तैयार करने में आपके अनुभव और टिप्पणी सहायक सिद्ध हो सकते है, OBO प्रबंधन समूह सदैव आपके विचारों का स्वागत करता रहा है और आगे भी करता रहेगा |

 

आपका अपना ही

एडमिन

ओपन बुक्स ऑनलाइन

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सभी को हार्दिक बधाई

 

वार्षिकोत्सव की क्या व्यवस्था है ? :)

पास बैठों को तो खिलाते हो

दूर बैठों के दिल जलाते हो।

आप भी लीजिये हुजुर, बिना दात वालों के लिए खास बनवाई है :-)

एक कटोरा गुलाबजामुन, एक कटोरा रसगुल्ला

भाई वाह जी भाई वाह.. मीठा-मीठा भल्ला 

रसगुल्ले का मधुर हास

मीठा-मीठा उज्ज्वल उज्ज्वल 

लहराता परिहास खास.. रसगुल्ले का मधुर हास.

 

वर्षगाँठ की पार्टी बधाई हो.

शुभकामनाओं सहित ...

 

मुझे ओबो में जुड़े करीब ९ महीने हुवे, लेकिन जितना अपनापन इस साईट  पर मिला उतना किसी भी सोसल नेट वोर्किंग साईट पर नहीं मिला| मुझे आशा नहीं पूर्ण विश्वाश है की हमारा ओबो ऐसे ही तरक्की करता रहेगा|
जय OBO
आशीष जी , OBO एक साईट ही नहीं यह तो हम सबका परिवार है , भाव व्यक्त करने हेतु धन्यवाद |

ओ.बी.ओ. की प्रथम वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !  इस दौरान आयोजित किए गए विविध आयोजन तरही और इवेंट से इस मंच ने समृद्धि की ऊँचाइयों को छुआ है | यद्यपि चाह कर भी मैं इन आयोजनो में अधिक सक्रियता से भाग नहीं ले पाई । फिर भी यहाँ नए नए साहित्यकारों की रचनाये पढकर निश्चय ही लिखने और साहित्य को समझ सकने की ‌‍क्षमता में वृद्धि हुई है । साईट के सभी सदस्यों सहित पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाये !   

नीलम जी , बहुत बहुत धन्यवाद सराहना हेतु , आप सबका स्नेह इसी तरह मिलते रहना चाहिए, भविष्य में बहुत कुछ करने की योजना है |

फायलातुन् (2122) की आवृत्ति से बनने बह्र-ए-रमल में लीजिये मेरे भाव:

शब्‍द मुझको कुछ प्रयोगों में बहुत अभिनव मिले हैं

शायरी और काव्‍य के अनुपम कई उत्‍सव मिले हैं।

देर से आया मगर, क्‍या पा सका मैं क्‍या बताऊँ

कुछ नये लोगों से(स) परिचय, कुछ नये अनुभव मिले हैं।

धन्यवाद तिलक जी |

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