For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सीतापुर में आयोजित ओ बी ओ काव्य समारोह में जनकवि आलोक सीतापुरी पुनः सम्मानित !

Views: 1862

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय अम्बरीश जी, सादर. 

सफल आयोजन हेतु बधाई. मेरी ऑंखें मुझे ही उस समारोह में ढूढ़ रही थीं .

धन्यवाद आदरणीय प्रदीप साहब ! इस काव्य समारोह में आपकी द्वारा प्रेषित की आपकी निम्नलिखित रचना श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा पढ़कर सुना दी गयी थी !

“कर लो अब तैयारी”

सूरज की गरमी को देखो, पड़ती सब पे भारी

सूखे ताल तलैया भाई,  पिघली सड़कें सारी

सूख चली देखो हरियाली, सहमा उपवन सारा. 

पंथिन को तो छांह नहीं अब,  क्योंकर चलता आरा

 

पशु पक्षी सब प्यास के मारे,  हुए  हाल बेहाल 

जल संसाधन मंत्री ए.सी., बैठे फेंके जाल 

उनकी बात भी छोड़ो भैया, ऐसा कुछ करवा दो 

आँगन अन्दर बाहर तालन, मां पानी भरवा दो 

 

वृहद पौध रोपण की भाई,  कर लो अब तैयारी

देंगे सब आशीष तुम्हें जो, दुनिया तुम पे वारी 

जैसे बचाते अपना जीवन वैसे बचा अब बारी 

जल संरक्षण किया नहीं तो, जल पे मारामारी ||

पशु पक्षी सब प्यास के मारे, हुए हाल बेहाल
जल संसाधन मंत्री ए.सी., बैठे फेंके जाल

वाह वाह ...  अच्छी कविता से मुग्ध किया आपने आदरणीय प्रदीपजी. लोगों की दुख-दशा पर आपकी झुंझलाहट अच्छी लगी.

सीतापुर के सद्यः समाप्त हुए काव्य-समारोह में आपकी परोक्ष-उपस्थिति के लिये आपको बहुत-बहुत बधाइयाँ.

  

स्वागत है आदरणीय सौरभ जी ! आप से मैं भी सहमत हूँ !

आदरणीय अम्बरीष भाईजी, आपसे हुए कल रविवार  के संवाद ने अपार खुशी दी.  वार्तालाप के पार्श्व से प्रस्तुतिकरण की ध्वनि अभिभूतकारी थी, मानों आपने मुझे इस समारोह में ही सम्मिलित कर लिया.

आपकी अनुकरणीय संलग्नता और सतत साहित्य साधना सभी सदस्यों के लिये मार्ग-दर्शन सदृश है. इस सफल आयोजन के लिये आपको तथा समस्त सदस्यों को मेरा सादर प्रणाम और हार्दिक शुभकामनाएँ.

नमस्कार आदरणीय सौरभ भाई जी ! कार्यक्रम की सराहना के लिए हार्दिक आभार मित्रवर ! आप कार्यक्रम स्थल से भले ही दूर थे पर आपसे हुए संवाद के मध्य  आपकी दूरभाषिक उपस्थिति मुझे भी अभिभूत कर रही थी ! वास्तव में इस कार्यक्रम की सफलता के पार्श्व में ओ बी ओ मित्रों का सहयोग व आप सभी की हार्दिक शुभकामनाएं ही हैं !` जय ओ बी ओ  | 

आदरणीय (गुरुदेव )  सौरभ  जी , सादर. 

बहुत अल्प काल में रचना तैयार  हुई. भाई अम्बरीश जी ने मेरी भावनाओं का बहुत सम्मान किया, श्रम किया. उनका ऋणी हूँ. अमरेन्द्र जी ने अपना स्वर दिया उनका भी आभारी हूँ. आपकी सराहना से मेरा मनोबल बढा.  ऐसा ही स्नेह बनाये रहिये .

आदरणीय प्रदीप साहब ! ऋणी क्यों होते हैं आदरणीय? भाई जी जब आप सम्मान के योग्य हैं तो सम्मान मिलना तय ही है | शेष तो हमने अपना दायित्व ही निभाया है ! जय ओ बी ओ !

आदरणीय अम्बरीश   जी , सादर. 

बहुत अल्प काल में  तैयार  हुई रचना पर आपने  मेरी भावनाओं का बहुत सम्मान किया, श्रम किया  आपका ऋणी हूँ.  अपनी माला की  लड़ी में पिरोया, मेरा उत्साह बढा. और सीखूंगा आप के सानिध्य में. स्नेह दिए रहिये.   अमरेन्द्र जी ने अपना स्वर दिया उनका भी आभारी हूँ. 

क्या कह रहे हैं आदरणीय ......आप ऋणी क्यों होते हैं ? भाई जी जब आप सम्मान के योग्य हैं तो सम्मान मिलना तय ही है |

आदरणीय अम्बरीश जी आपके प्रयास सार्थक और सशक्त रंग बिखेर रहे हैं बहुत बहुत बधाई आपको और आदरणीय आलोक जी को भी ओ बी ओ यूँ ही दिन दुनी तरक्की करे और इसके रचनाकार भी .

स्वागतम भाई अरुण जी ! इन बेशकीमती वचनों के लिए आपका हार्दिक आभार मित्रवर ! जय ओ बी ओ !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service