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एक घोषणा :- प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पत्र "हमारा मेट्रो" आपकी रचनाओं को नियमित प्रकाशित करेगी...

प्रिय सदस्यों, 

बड़े ही हर्ष के साथ सूचित करना है कि नई दिल्ली से प्रतिदिन  प्रकाशित होने वाली प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पत्र "हमारा मेट्रो" प्रत्येक शनिवार को अपने साहित्य पृष्ठ पर "ओपन बुक्स ऑनलाइन से" नामक कालम अंतर्गत एक रचना ओ बी ओ से प्रकाशित करेगी | प्रकाशन हेतु रचना का चयन साप्ताहिक रूप से ओ बी ओ प्रधान संपादक द्वारा किया जायेगा और संपादक "हमारा मेट्रो" को उपलब्ध करा दिया जायेगा | 
हमें लगता है कि इस कार्य में आप सभी की सहमति होगी, फिर भी यदि किसी सदस्य को अपनी रचना "हमारा मेट्रो" में प्रकाशन पर आपत्ति हो तो कृपया इ मेल आई डी admin@openbooksonline.com पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दें, आपकी रचना नहीं भेजी जायेगी | 
आप सबका अपना 
एडमिन 
ओपन बुक्स ऑनलाइन 
आदरणीय साथियों, "हमारा मेट्रो" दैनिक समाचार मे सदस्यों की रचनाएँ करीब एक वर्ष तक प्रकाशित हुई थी उसके बाद कुछ अपरिहार्य कारण वश ओ बी ओ ने उक्त समाचार पत्र को रचनाएँ भेजना बंद कर दिया |
वर्तमान में यह पोस्ट अप्रासंगिक हो चुका है अतः इस पोस्ट हेतु टिप्पणी बॉक्स बंद किया जाता है |
सादर सूचनार्थ |
गणेश जी बागी
मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
२५.११.२०१३

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Replies to This Discussion

आपकी खुबसूरत गजल के लिए और उसके हमारा मेट्रो में प्रकाशन के लिए 

हार्दिक बधाई आदरणीय वीनस केसरी जी 

धन्यवाद

वीनसजी की यह ग़ज़ल उन ग़ज़लों में से है जो हम पहली दफ़ा में सुन पाये थे.  इस ग़ज़ल के मेट्रो का हिस्सा बनने पर हार्दिक बधाई.

धन्यवाद

शानदार वीनस भाई जी...शतकोटि शुभकामनाएँ आपको!

शतकोटि धन्यवाद आपको

venus bhaiya, badhai.

शुक्रिया आशीष जी

हार्दिक बधाई वीनस जी 

शुक्रिया

its very nice to be published in any daily news paper.I liked it.

thanks

sushil sarna

sarnasushil@yahoo.com

यह काफी सुखद समाचार है, इसके लिए ओबीओ प्रशासन को बधाई देना चाहूंगा । ओबीओ अपने रचनाकारों को जिस प्रकार से प्रेरित करती रही है और जितनी सामग्री सीखने-सिखाने के लिए उपलब्‍ध कराती है वह किसी वरदान से कम नहीं । इस स्‍तुत्‍य प्रयास के लिए ओबीओ प्रशासन का मैं हार्दिक आभार प्रकट करता हूं, सादर

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"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
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"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
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"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
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