For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आखिर क्यों डालें हम अपना वोट ?

आखिर क्यों डालें हम अपना वोट ?

वर्तमान में इस चुनाव के रूप में हमारे समक्ष लोकतंत्र का महान पर्व आ उपस्थित हुआ है ! आज लगभग सभी प्रत्याशी अपने अपने लुभावने वादों के साथ हमारे द्वार पर एक साथ आ खड़े हुए हैं ! सारे के सारे अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं........जबकि हम किंकर्तव्यविमूढ़ है | यह तो हम भी जानते हैं कि एक बार चुनाव जीतने के बाद इनमें से कोई भी हमें पहचानेगा तो क्या अपितु अपनी शक्ल तक नहीं दिखायेगा यदि दिखायेगा भी तो सिर्फ टी० वी० चैनल व समाचार पत्रों के माध्यम से ही...........हममें से बहुतेरे सामान्य मतदाता बिना स्वयं के सोंचे-विचारे अपने किसी अभिन्न मित्र या रिश्तेदार या बिरादरी के मुखिया आदि के कहने पर अथवा कुछ स्वार्थवश किसी भी उम्मीदवार को अपना बेशकीमती वोट दे देते हैं, जबकि विवेकी मतदाता इस सिस्टम से त्रस्त होकर या फिर आलस्यवश मतदान ही नहीं करते ! वे शायद यह नहीं सोंचते कि अपने मताधिकार का प्रयोग न करके वस्तुतः उन्होंने जोड़-तोड़ में माहिर किसी भी अयोग्य उम्मीदवार को पाँच साल की अवधि के लिए वास्तव में लूट का लाइसेंस ही दिला दिया है ! इसलिए हमारे विचार में आज के सिस्टम को कोसने के बजाय जाति, धर्म/मज़हब, भय व गुटबंदी इत्यादि से ऊपर उठकर निःस्वार्थ रूप से एक सच्चे भारतीय के कर्तव्य व दायित्व का निर्वहन करते हुए केवल स्वयं के विवेक पर ही भरोसा करना ही उचित है | अतः चुनाव के दिन बिना किसी आलस्य के प्रातःकाल उठकर सर्वप्रथम मतदान अवश्य ही करना चाहिए क्योंकि इतने उम्मीदवारों में कोई न कोई एक तो अवश्य ही उपयुक्त होगा और हमारी उम्मीदों पर सिर्फ वही खरा उतर सकता है .........जैसा कि प्रख्यात शायर दुष्यंत कुमार नें भी कहा है .....

रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया,

इस बहकती हुई दुनिया को संभालो यारों,

कौन कहता है आकाश में सूराख नहीं हो सकता

एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों |”

अतएव ......

लोकतंत्र के पर्व में, गाफ़िल मत हों लोग.

निज पर ही विश्वास कर, मत का करें प्रयोग..

 

--इं० अम्बरीष श्रीवास्तव

अध्यक्ष संस्कार भारती सीतापुर 

Views: 662

Reply to This

Replies to This Discussion

इस ताक़ीद के लिये सादर धन्यवाद.  लोकतंत्र के पर्व को सोत्साह परन्तु खुली आँखों मनाने की ज़रूरत है.

बहुत-बहुत धन्यवाद.

 

सत्य वचन मित्रवर ! आपका हार्दिक आभार .....

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया लक्ष्मण भाई।"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जिनकी टिप्पणी से सीखने को मिला…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service