For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भारत सरकार की नई आर्थिक नीति के तहत् विगत वर्षों में जिस नीति को जारी किया गया था, उसका परिणाम कुछ ऐसा ही दिखना था. भारत सरकार ने उन क्षेत्रों में विशेष तौर पर भारी मात्रा में पैसों को झोंक दिया है, जिस क्षेत्र में नक्सलवादियों ने अपना फन फैलाया है, परन्तु उन क्षेत्रों में आने वाले पैसों को कम कर दिया है, या नहीं के बराबर दिया है अथवा घोटालों की भेंट चढ़ गया है, जिन क्षेत्रों में या तो नक्सलवादी नहीं हैं अथवा किसी किस्म का आन्दोलन नहीं हो रहा है अथवा जागरूकता की कमी है. बस्तर के जंगलों में जहां आज भी आदम जमाने में लोग जीने के विवश है, भारत सरकार को केवल नक्सलवादी ही नजर आती है, वहां के लोगों की समस्यायें नहीं. वर्ष 2001 ई0 में मैं और हमारी टीम एक अखबार के रिर्पोटिंग के सिलसिले में बांका-मुगेंर जिले के पहाड़ों के बीच बसे गांवों में गये थे. वहां के लोगों से मिलने और अपने कार्य के बारे में बताने के बाद अपनी दर्दनाक पीड़ा से उन लोगों ने साझा किया. उन्होंने बताया कि हम जंगलों में रहते हैं परन्तु जंगलों से जलावन हेतु लकड़ी तक नहीं तोड़ सकते हैं. यहां रहने वाले हर वयस्क पुरूष ग्रामीण पर दर्जनों केश पुलिस ने दर्ज कर रखा है, एक आदमी पर तो सैकड़ा को भी पार करता केश दर्ज हैं. ये सारे केश लुट, डकैती, हत्या आदि का नहीं है, वरन् जंगल में लकड़ी तोड़ने के जुर्म में केश दर्ज है. जबकि जंगल माफिया ट्रक के ट्रक वृक्षों को काटकर ले जाता है उल्टे उसे पुलिस संरक्षण ही देती है. ये पुलिस हमारे यहां मुर्गा, बकरी आदि जैसे घरेलू पशु जबरदस्ती छीन कर ले जाती है. दूध हड़प लेती है. देने में आनाकानी करने पर मारपीट, इज्जत पर हमला, मुकदमा करती है. इन मुकदमों से त्रस्त ग्रामीण अंधेरे होने के बाद अपने घर में सोने से डरते हैं कि कहीं पुलिस न पकड़ कर ले जाये, इस कारण वे हर रात अपने आशियाने घने जंगलों में बीच वृक्षों के नीचे गुजारने को मजबूर रहते हैं.उन रिर्पोटों को मैंने उन दिनों अपने अखबार में लिखा था परन्तु उन लोगों की पीड़ा का बाद में क्या हुआ यह तो पता नहीं परन्तु अब सुन रहा हूं कि वहां नक्सलवादियों ने अपना अंगद पांव जमा लिया है. अब भारत सरकार उन जंगलवासियों के लिए कुछ हितकारी कार्य करना शुरू किया है. यह हितकारी कार्य पहले ही शुरू क्यों नहीं किया गया था. जो अब नक्सलवादियों के आगमन के बाद किया जा रहा है. शायद भारत सरकार कहीं न कहीं नक्सलवादियों के आने का इंतजार तो नहीं कर रही थी ? क्या अपनी समस्यायें सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए क्षेत्र को लोगों को नक्सलवादियों को पनाह देना होगा ? अगर यह सच है तो यह बहुत बड़ी त्रासदी है उन ग्रामीणों के लिए भी और सरकार के लिए भी जो अपनी हर बातों के लिए अपनी खून से कीमत चुकाते हैं.

Views: 517

Reply to This

Replies to This Discussion

रोहितभाई, आपके इस रिपोर्ताज़ को एक साँस में पढ़ गया. जिस मुद्दे को आपने उठाया है वह मुद्दा हर देशवासी के लिये जीवंत और स्वयं के परिचय का मुद्दा है. बशर्ते वह व्यक्ति देश की मिट्टी से जुड़ा हो. इस विषय को सचाई, सादगी मगर बेबाकी से उठाने के लिये साधुवाद. आपकी कलम की धार मुखर है, वह और पैनी हो.

सधन्यवाद.

एक गंभीर मुद्दा ! रोहित जी आपका इस विन्दु को उठाने का प्रयास छोटा ही सही पर सराहनीय है | हम दैनंदिन इन पीड़ादायक  स्थितियों का सामना करते हैं परन्तु खामोश रह जाते हैं | ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर सरकार के सम्बंधित विभाग खामोश रहते हैं परन्तु इधर जन जागरूकता आई है और  लोग अपने हक़ के लिए सामने आ रहे हैं | उम्मीद करें कुछ अच्छा होगा और राह निकलेगी !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
8 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service