Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय ओमप्रकाश जी, राजनितिक परिप्रेक्ष्य में न्याय सिद्धांतों को परिभाषित करती बढ़िया लघुकथा हुई है. लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई. रचना पर पुनः उपस्थित होता हूँ. सादर
शर्गिर्द - शागिर्द
राजनीति की दुनिया के अपने ही कायदे हैं और अपने ही नियम ..करारा व्यंग साधती कथा पर हार्दिक शुभकामनायें ..ओमप्रकाश जी.
सुंदर परिभाषा है आदरणीय जी । सामाजिक समरसता से लेकर राजनीति की इतनी परिभाषायें कहना आपका विषय वर्तमान राजनीती पर सटीक व्यंग है ।
आदरणीय ओमप्रगास भाई जी, क्या खूब लिखा है आपने । अलग-अलग न्याय सिद्धांतो को राजनीति के परिपेक्ष्य में बहुत ही प्रभावशाली ढंग से पेश करने में पूर्णत सफल रही है आपकी यह लघुकथा । सुबह की चाय के साथ ऐसी कथा पढ़ कर तो मन बाग बाग हो गया । आपकी इस रचना पर मैं पुन उपस्िथत होने का प्रयत्न करूंगा ।
बे-कायदा कानून यही है आधुनिक राजनीति .. करारा व्यंग्य आ. ओमप्रकाश जी ! बधाई ..
वर्षों पहले न्यायशास्त्र पढ़ा था, आपकी इस रचना ने उसकी याद दिला दी| ऐसा लग रहा है सम्पूर्ण न्याय-शास्त्र राजनीती की स्वार्थ-प्रक्रिया का गुलाम हो गया है| रचना हेतु बधाई स्वीकार करें आदरणीय ओमप्रकाश जी सर|
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |