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दिनेश कुमार's Discussions (883)

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"हसीन जुल्फों गुलाबी लवों की मलिका भी है चाहे वक़्त मिले थोडा तो संवरने का । वाह तमाम…"

दिनेश कुमार replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब आ.निलेश सर।शानदार ग़ज़ल।वाह वाह!! क्या मतला है! कमाल! ज़बरदस्त कहन। सभी शेर एक…"

दिनेश कुमार replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हा हा। जरूर शिज्जु भाई। ग़ज़ल तो मैंने भी कह ली थी, पर नींद आ गई।"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हुनर नहीं जो हवाओं के पर कतरने का रहेगा खौफ़ हमेशा ही बुझ के मरने का हम आइनों के मुख़…"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"शिकस्त खाने पे नाराज़गी भला कैसी मिला नहीं है क्या मौक़ा तुम्हें सुधरने का।। बहुत खूब।…"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब आ.राजेश साहिबा। क्या कहने। वाह वाह!! हर शेर पर दाद क़बूल फरमाएं । बहुत खूब।…"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत बढ़िया आ.लक्ष्मण भाई जी। बेहतरीन ग़ज़ल। वाह वाह शानदार मतला। लाजवाब गिरह। बढ़िया मक़…"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"अच्छी ग़ज़ल के लिए मेरी तरफ से भी दाद क़बूल करें आ. पंकज कुमार जी। वाह वाह। !!"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ग़ज़ल कहाँ रह गई भाई लक्षमण जी।"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ख़बर फरिश्ते ये लाये हैं इब्ने मरियम की ये दिन है आज का सजने का और संवरने का... सही प…"

दिनेश कुमार replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

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