For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथिओ,

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८  का आयोजन दिनांक ८ जून से  १० जून तक किया गया, जिसके संचालन का दायित्व इस बार युवा ओजस्वी कवि श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी को दिया गया था !  इस बार रचनाधर्मियों को जो विषय दिया गया था वह था - "रिश्ते" !  पिछले आयोजनों की तरह इस बार भी पूरे तीन दिन साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने इस में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ! 
इस आयोजन का शुभारम्भ डॉ संजय दानी जी की एक खूबसूरत ग़ज़ल से हुआ ! उसके बाद गीत, ग़ज़ल, अतुकांत कविता, तुकांत कविता, कुंडली, घनाक्षरी का जो सिलसिला शुरू हुआ वाह पूरे तीन दिन तक चलता रहा ! रिश्ते के हर पहलू पर रचनाकरों ने आपने फन के जौहर दिखाए ! कुछेक रचनायों में तो रिश्ते के हर बिंदु पर बात हुई !

मुझे इस बात का सब से ज्यादा संतोष है की इस बार रचनायों का स्तर पहले किसी भी उत्सव की बनिस्बत बहुत ही बेहतर रहा ! इस बार "क्वालिटी" का पलड़ा "क्वांटिटी" से कहीं भारी रहा ! १४ रचनाधर्मियों ने कुल मिल कर २३ बहुत ही उच्च स्तरीय रचनाएँ इस आयोजन में पेश की जिसका विवरण इस प्रकार है:  

१. डॉ संजय दानी जी (१-रचना) ,
२. श्री रवि कुमार गुरु जी,
(१-रचना)
३. श्री सुरिंदर रत्ती जी
(१-रचना)
४. श्री नेमीचंद पूनिया "चन्दन" जी
(१-रचना)
५. श्री देवेन्द्र गौतम जी
(१-रचना)
६. श्री हिलाल अहमद हिलाल जी
(१-रचना)
७. श्री सौरभ पाण्डेय जी 
(१-रचना)
८.
श्री बृज भूषण चौबे जी (१-रचना)
९. श्री गणेश जी बागी जी 
(१-रचना)
१०.श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी (२ रचनाएँ)

११. श्री
आलोक 'सीतापुरी' जी (२ रचनाएँ) ,
१२.योगराज प्रभाकर (२
रचनाएँ)
१२. सुश्री शालिनी कौशिक जी (२
रचनाएँ),
१३. श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी (३ रचनाएँ), 
१४. सुश्री वंदना गुप्ता जी (३
रचनाएँ  

इन रचनायों पर साहित्य-प्रेमी  केवल वाह-वाही तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि कई जगह अग्रजों ने रचनायों पर बहुमूल्य सुझाव भी पेश किए जिन्हें रचनाधर्मियों ने खिले माथे स्वीकार भी किया ! मेरा मानना है कि ऐसे  सुझावों ओर निरंतर संवाद के चलते कोई भी साहित्यक आयोजन कई मायनो में बहुत विलक्षण हो जाता है ! श्री गणेश बागी जी ने इस आयोजन में प्रस्तुत अपने घनाक्षरी कबित्त को गाकर उसकी ऑडियो फ़ाइल भी लगायी है, जोकि इस आयोजन की एक और विशेषता रही ! सब रचनाएँ और टिप्पणियाँ मिल कर कुल ३१० प्रविष्टियाँ - मेरे मतानुसार इसे काफी संतोषजनक कहा जा सकता है !         

कुल मिला कर यह महा-उत्सव भी बहुत सफल रहा ! सभी रचनायों पर लगभग हरेक शुरका ने अपनी टिप्पणी देकर लेखकों का हौसला बढाया ! विशेष तौर पर आदरणीय सौरभ पांडे जी एवं श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी ने जिस प्रकार सभी रचनायों पर अपनी राय दी उस से रचना धर्मियों का ना सिर्फ उत्साह वर्धन ही हुआ बल्कि उनका मार्गदर्शन भी हुआ होगा ! ओबीओ के कुछ वरिष्ठ सदस्यों की अनुपस्थिति हालाकि अंत तक सभी को खलती रही ! बहरहाल, मैं इस आयोजन में सम्मिलित सभी रचना धर्मियों का ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ और उम्मीद करता हूँ की आप सब का सहयोग एवं स्नेह हमें यथावत प्राप्त होता रहेगा ! मैं अंत में इस महा उत्सव के संचालक श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी एवं ओबीओ के सर्वेसर्वा श्री गणेश बागी जी को इस सफल आयोजन पर बधाई देता हूँ ! जय ओबीओ ! सादर !


योगराज प्रभाकर

(प्रधान सम्पादक)

Views: 1160

Reply to This

Replies to This Discussion

आप सबको बहुत बहुत बधाई सफ़ल आयोजन की।

मेरी अनुपस्थिति के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ। समयाभाव का बंधन है। अपनी रचना लगाकर शॉंत हो जाने से भी एक खलबली दिमाग़ में मची रहती है। कभी मिली फ़ुर्सत तो.......

आदरणीय कपूर साहिब, आपकी उपस्थिति हमेशा हौसला बढ़ाने वाली होती है, अत: आपसे अनुरोध है कि इतनी लम्बी एब्सेंट न मारा करें ! सादर !
इस महाआयोजन की इस इससे अच्छी रपट और क्या हो सकती है। योगराज जी ने भी जिस तरह से सभी रचनाओं की विस्तृत विवेचना की और रचनाकारों का मार्ग दर्शन एवं उत्साह वर्धन किया वह अद्वितीय है। ओबीओ अपने प्रधान संपादक के मार्गदर्शन में इसी तरह सफलता के नए मुकाम प्राप्त करता रहे यही कामना है। सादर।
बहुत बहुत आभार मित्र धर्मेन्द्र सिंह जी, इस सफ़र में आपका सहयोग हमेशा आपेक्षित रहेगा  !
सारगर्भित पर सार्थक और संपूर्ण रिपोर्ट के लिये योगराज जी मुबारकबाद के अधिकारी हैं।
बहुत बहुत शुक्रिया डॉ संजय दानी जी !
आदरणीय प्रधान संपादक जी, आपकी इस बार की त्वरित रिपोर्ट पढ़कर आनंद आ गया इससे अच्छी रिपोर्ट भला क्या हो सकती है | रचनाओं की गुणवत्ता के बारे में जैसा की आपने अपनी इस रिपोर्ट में लिखा है ठीक बिलकुल वैसा ही है लभग सभी रचनाएँ स्तरीय रही हैं और सदस्यों के आपसी संवाद व स्नेहपूर्ण सहयोग के तो क्या कहने ........कुल मिला कर वास्तव में यह आयोजन बिल्कुल सफल रहा .......इस सारगर्भित रिपोर्ट के लिए मेरी ओए से बधाई स्वीकारें ! सादर ...........
भाई अम्बरीश श्रीवास्तव जी - आपके इन सुन्दर वचनों के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

//इस बार रचनायों का स्तर पहले किसी भी उत्सव की बनिस्बत बहुत ही बेहतर रहा ! इस बार "क्वालिटी" का पलड़ा "क्वांटिटी" से कहीं भारी रहा !//

.

आदरणीय योगराज भाईसाहब की इस एक पंक्ति ने सारा कुछ समेट कर encapsulate किया और सामने रख दिया है.

[ तभी तो.. अब मतले अता हो रहे हैं,  मितलियाँ नहीं... :-))..  ]

आदरनीय सौरभ भाई जी - आपने रपट पसंद की, इसके लिए ह्रदय से आपका आभारी हूँ !
sir aapne bahut achcha tarah se samne rakh diya khuli kitab ke tarah
धन्यवाद रवि भाई !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

दोहा सप्तक. . . . . नजरनजरें मंडी हो गईं, नजर बनी बाजार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"कौन है कसौटी पर? (लघुकथा): विकासशील देश का लोकतंत्र अपने संविधान को छाती से लगाये देश के कौने-कौने…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"सादर नमस्कार। हार्दिक स्वागत आदरणीय दयाराम मेठानी साहिब।  आज की महत्वपूर्ण विषय पर गोष्ठी का…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ.भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"विषय - आत्म सम्मान शीर्षक - गहरी चोट नीरज एक 14 वर्षीय बालक था। वह शहर के विख्यात वकील धर्म नारायण…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service