For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छोड़ के पिजरवा पराय गईलू चिरई |
सबहीं के सनेहिया भूलाय गईलू चिरई |

निक नाही लागे अब त घरवा अंगनवा,
तोहई के खोजे घूमि चारो और मनवा |
कवनी खोतवा में लूकाय गईलू चिरई |
सबहीं के सनेहिया भूलाय गईलू चिरई |

रोवेलिन भौजी देखा, रोवे महतारी |
बाबू जी आ भैया बईठी रोवेलन दुवारी |
सबसे पिरितिया छोडाय गईलू चिरई |
छोड़ के पिजरवा पराय गईलू चिरई |

बाछी के कहाई अब सोना के कहाई |
इहे राग धईके देखा रोवत बानी मई |
नयना के लोरवा सुखवाय गईलू चिरई |
छोड़ के पिजरवा पराय गईलू चिरई |

भौजी के बबुनी आ भैया के मोटकी |
प्यार से बोलावें कहिके बाबू जी ऐ छोटकी |
काहे कुलही नामवा भूलाय गईलू चीरई |
सबहीं के सनेहिया भूलाय गईलू चीरई |

Views: 1093

Replies to This Discussion

Bahut hi sundar kavita hai. My wife can speak and understand Bhojpuri, she read it for me and explained. Beti ke chale jaane ke baad ki stithi ko bahut achhe se ukera ya Yadav ji ne. Meri aur se abhivadan sweekar karein.

Dharmender sharma
धरम सर, i can't speak that how am i happy. aap ko aapki patni ji ne iska matlab samjhaya mai unka bhi shukragujaar hu| mujhe bahut khushi hai ki aap logo ko meri ye rachna pasand aayi|
आशीष भाई बहुत ही नीक गीत रौआ प्रस्तुत कईले बानी, बहुत बहुत बधाई एह बरियार रचना खातिर |
बागी जी बहुत बहुत धन्यवाद| हमके बहुत प्रसन्नता भईल ई जान के की आप के हमार ई रचना पसंद आइल| आप लोग आपन आशीर्वाद बना के राखी, हम आगे भी कोशिश करत रहब|
Bahut badhiya kavita ba. ekdam mati ke sonha khoshboo se bharpoor aa bhojpuri kalewar mein laptayil.  Bahut bahut badhayee.
एतना बढीया रचना खातिर बधाई स्वीकार करीं आशीष भाई

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
17 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service