आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
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तस्वीर
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‘‘ हाॅं, बताओ छात्रो! कल क्या होमवर्क दिया गया था?‘‘
‘‘ सर! आपने, बलों के त्रिभुज नियम पर आधारित उदाहरण लिख कर लाने को कहा था ।‘‘
‘‘ अच्छा, राकेश ! तुमने क्या लिखा, पढ़कर बताओ?‘‘
‘‘ सर! दीवार पर टंगी तस्वीर बलों के त्रिभुज नियम के आधार पर ही संतुलित रह पाती है, दो बल रस्सियों में लगने वाले तनाव से प्रकट होते हैं और तीसरा दीवार में से अदृश्य रूप में सक्रिय रहकर इन दोनों को संतुलित कर लेता है और तस्वीर टंगी रहती है।‘‘
‘‘ सर! इसने तो पुस्तक की नकल कर ली है, मैंने इसकी व्याख्या दूसरे प्रकार से की है।‘‘
‘‘ बहुत अच्छा, विनोद! सुनाओ तुमने क्या लिखा है?‘‘
‘‘ सर! हमारे देश की तस्वीर क्रिकेट, फिल्में और राजनीति इन तीनों बलों से संतुलित रहती है जिनमें फिल्में और क्रिकेट ये दोनों बल तो लगते हुए सक्रिय दिखाई देते हैं पर तीसरा अदृश्य बल राजनीति, इन दोनों के बीच में सक्रिय रहकर संतुलन स्थापित करता रहता है।‘‘
‘‘ ? ! ! ! ! ? ‘‘
मौलिक और अप्रकाशित
आदरणीय शेख उस्मानी साहब ! कथोपकथन में छात्र की बात पूर्णविराम और इन्वर्टेड कामा के लगाए जाने पर समाप्त हो गई , अब अगला कथन या तो शिक्षक का या विद्यार्थी का संभावित लगता है , परन्तु सिचुएशन ऐसी है कि न तो शिक्षक और न ही कोई विद्यार्थी कुछ बोल पा रहा है इसलिए यह " पूर्णतः विस्मयबोधक प्रश्न करता पिन ड्रॉप साइलेंस" ही अगले कथन के रूप में इन्वर्टेड कामा में पृथक से प्रदर्शित किया गया है। यदि यह लघकथा के नियमानुसार उचित नहीं है , तो इसे हटाने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। सादर।
आदरणीय शेख उस्मानी साहब ! कथा पर सर्वप्रथम उपस्थित होकर उसके मर्म सहित अपने मनोभावों को प्रकट करने के लिए विनम्र आभार।
आदरणीया कान्ता जी ! आपने इस कथा को अपने मनोभावों से सुसज्जित कर दिया, इसके लिए विनम्र आभार।
आदरणीय सुनील जी ! आपने इस कथा को अपने मनोभावों से सुसज्जित कर दिया, इसके लिए विनम्र आभार।
अदृशय बल के बल पर कटाक्ष करती बेहतरीन कथा के लिए हार्दिक बधाई aadrniya T R Shukul ji
नमन आदरणीय ,राजनीति का सक्रिय बल अदृश्य रह कर संतुलित करता रहता है ।बधाई फिजिक्स की कक्षा हेतु ।
विनम्र आभार, आदरणीय पवन जैन साहब...
विनम्र आभार, आदरणीया अर्चना जी।
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