For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।
 
पिछले 61 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-62

विषय - "पहल"

आयोजन की अवधि- 11 दिसंबर 2015, दिन शुक्रवार से 12 दिसंबर 2015, दिन शनिवार की समाप्ति तक

(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)

 
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

 

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :- 

  • सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान मात्र एक ही प्रविष्टि दे सकेंगे.  
  • रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.


सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 11 दिसंबर 2015, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालिका 
डॉo प्राची सिंह 
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 10599

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय शेख साहब ! रचना पर अपने विचार व्यक्त करने और सराहने के लिए अनेकानेक धन्यवाद। 

आदरणीय डॉ सुकुल साहब, आयोजन में सहभागिता एवं प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. 

पुनः उपस्थित होता हूँ. सादर 

धन्यवाद महोदय।  यद्यपि रचना प्रदत्त विषयानुकूल नहीं है फिर भी उसकी काव्यात्मक गुणवत्ता के स्तर  पर आपकी टीप अपेक्षित। 

बहुत खूब आ० डॉ टी आर सुकुल जी, काव्य अभिव्यक्ति स्तुत्य है, किन्तु क्या यह प्रदत्त विषय के अनुरूप है ? बहरहाल, प्रतिभागिता हेतु अभिनन्दन स्वीकारें I 

बहुत धन्यवाद आदरणीय योगराज महोदय। यथार्थ यही है कि रचना प्रदत्त विषयानुकूल नहीं है , परन्तु आपने उसे सराहा यह मेरी त्रुटि को विलोपित करने के लिए पर्याप्त है। भविष्य में दिए गए विषय पर पहले से ही विचार कर लिया करूंगा। विनम्र आभार।
यद्यपि रचना प्रदत्त विषयानुकूल नहीं है फिर भी उसकी काव्यात्मक गुणवत्ता के स्तर पर आपकी टीप अपेक्षित।

आदरणीय टी आर शुकुल जी, यह रचना इस आयोजन के लिए नहीं है इसे आपने भी माना है. यह उचित भी है. इस मंच पर कोई आयोजन किसी उद्येश्य के अंतर्गत होता है. अतः सिर्फ़ रचना प्रस्तुति कोई अर्थ नहीं रखती. आयोजन की रचना के संकलन में यह रचना शायद स्थान न पावे.  फिर भी आपकी सहभागिता का हम हृदयतल से सम्मान करते हैंं. 

सादर

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ! आपके स्नेहमयी सन्देश के लिए आभार। वास्तव में इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेने का मेरा डरते डरते ,यह पहला प्रयास है और अनावश्यक शीघ्रता करने के कारण  सूचना में दिए गए विषय पर ध्यान न जाकर उस सूची पर ध्यान चला गया जिसमें उन विधाओं के नाम थे जिनमें विषयानुसार रचना भेजना थी।  विषय का ज्ञान तो आदरणीय देवराज प्रभाकर जी की टिप्पणी पढ़कर ही हुआ है।  यह रचना  इस आयोजन के संकलन में आये या न आये, आप जैसे उद्भट साहित्यकारों के मन को प्रभावित कर सकी  है तो मुझे यही पर्याप्त  है।  ससम्मान। 

__/\__/\__/\__

मधु मुक्ताभरण के वरण में
‘‘ए ! व्यथा‘‘ मैं ने तुमको चुना।

वाह आदरणीय डॉ टी आर सुकल जी प्रदत विषय को जीती इस शाब्दिक अलंकरण वाली प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।

आदरणीय Sushil Sarna जी ! विनम्रता पूर्वक मेरा आभार और धन्यवाद स्वीकारें , आपने मेरा भ्रम दूर कर दिया।
यह सत्य है कि यदि भौतिक सुख ,आनंद और संपन्नता तथा व्यथा, कष्टों और विपन्नता में से किसी एक को चयन करने का अवसर दिया जाए तो सभी लोग सुखों और भौतिक ऐश्वर्य को ही चयन करेंगे किन्तु 'व्यथा' को चयन करने की "पहल " मैंने इस रचना में की है जो सचमुच प्रदत्त विषय को सार्थक करती है। हाँ और अधिक स्पष्ट करने के लिए अंतिम लाइन को इस प्रकार संशोधित कर व्यक्त किया जा सकता है जो सरलता से सभी के लिए विषयानुकूल वोधगम्यता प्रदान कर सकता है :-
" मधुमुक्ताभरण के वरण की पहल में ,
ए व्यथा ! मैंने तुमको चुना "

परन्तु मुझे पता नहीं है कि यह संशोधन कर पाने का अवसर इस समारोह की नियमावली में है भी या नहीं।
अपनी पैनी दृष्टि से मेरी इस रचना पर अपना सार्थक अनुमोदन देने के लिए पुनः विनम्र आभार।

इस सूंदर रचना के लिए बधाई हो जनाब सुकुल जी |

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय कबीर साहब। 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया लक्ष्मण भाई।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service