For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले छह आजोयन आशा से कहीं बढ़कर बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए। छठे आयोजन में विषय अपेक्षाकृत कठिन था, किन्तु हमारे रचनाकारों ने दो दिनों में ४० से ज्यादा स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-7 
विषय : "शतरंज"
अवधि : 30-10-2015 से 31-10-2015 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 30 अक्टूबर 2015 दिन शुक्रवार से 31 अक्टूबर 2015 दिन शनिवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  30 अक्टूबर 2015 दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२.सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 21223

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

वाह !!! प्यादे ने बहुत खूब चाल चली।  जीतने की ख़ुशी में बादशाह ने अपनी सुरक्षा घेरे को नहीं देखा।  बेहतरीन लघुकथा।  ढेरों बधाई स्वीकार करें आदरणीया रजनी जी। 

मैंने उनकी हाँ में हाँ मिलाई! अपनी कमीज का बटन ठीक करता हुआ में मन ही मन बुदबुदा उठा "इंजीनियर साहब इस बटन में लगे खुफिआ कैमरे में आप की सारी बात रिकॉर्ड हो गयी हैं! असल में शतरंज का खेल आपने ठीक से नहीं खेला! कभी कभी एक मामूली प्यादा भी राजा को मात दे देता हैं, बहुत खूब  आदरणीय Rajni Goasin  जी बधाई 

आदरणीया रजनी गोसाईंजी, लघुकथा की प्रस्तुति हेतु हार्दिक धन्यवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएँ 

मात

" दद्दन जी ! देख रहें हैं ना सामने कई एकड़ में फैला फलों का बगीचा ।
" हाँ"
" तो बिछाइये अपनी बिसात, वही हैं आपके निशाने ।"
 दूरबीन से उस बूढ़े दम्पत्ति का निरीक्षण करते हुये दद्दन बोला -"ऐसी क्या खास बात हैं इनमें ?"
" बूढ़ा' कुंडली मार के बैठा है इस सोने सी ज़मीन पर " सरपंच की आवाज़ में साँप सी फ़ुफ़कार थी।
"देख सरपंच ! सटीक कारण बताओ। ये काम कोई बच्चों का खेल नहीं है।"
तभी चुम्मन बोल पड़ा -"ये दोनों सरपंच जी के दूर के रिश्तेदार हैं।बाल-बच्चे हैं नहीं।इस बार सरपंच जी 10 लाख में फलों का ठेका दिए हैं,पर वो सनकी तैयार ही नहीं है।कहता है स्कूल बनाने के लिए ज़मीन दान कर जायेगा और फल बच्चे खायेंगें।"
" चुम्मन ! अपना मुँह बन्द कर।जितना कहूँ उतना ही बोला कर।"सरपंच ने आँख दिखाते हुए कहा।
"दद्दन जी ! ऐसा काम करो कि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।"
" छुरी ! ज़रा देख के बता बूढ़ा राजा-रानी क्या कर रहें हैं।"
"दद्दन जी मिट्टी सने हाथों से एक दूसरे को रोटी खिला रहें हैं।"
"अच्छा ...और हमारे हाथों में क्या लगा है?"
"खून "..छुरी कुछ समझते हुए बोला।
"आज़ अपनी जिंदगी तुच्छ लग रही है रे ..छुरी !" हमारी जिंदगी तो पाप करते हुए ही बीती है अभी तक।" दद्दन की आवाज़ में श्मशान वैराग्य था।
"दद्दन जी हमें लगता है चार लाख कम लग रहें हैं आपको , आठ लाख कर देतें हैं।"
"देख सरपंच! अब हमको गुस्सा मत दिला , नहीं तो अभी ठोंक देंगें ।"
" अब मुँह फाड़े क्या देख रहा है। ये जीवन भी शह और मात का खेल है।आज़ से हम बूढ़े राजा का वज़ीर और तुम प्यादा हो।सोच कर ज़वाब दो प्यादे का क्या काम होता है।"
" राजा के लिए अपनी ज़ान देना" मरी आवाज़ में सरपंच बोला।

मौलिक एवम् अप्रकाशित

बहुत सुंदर अनुपम तरीके से विषय आधारित लघु कथा का सुंदर प्रयास किया है आपने आदरणीया जानकी वाही जी।तहे दिल बहुत बहुत बधाई आपको।
आ.शहज़ाद जी कथा पर अपनी अनूठी शैली मेसुन्दर टिप्पणी करने के लिए हार्दिक अभिनन्दन।

आदरणीया जानकी जी बढ़िया लघुकथा हुई है इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई. लघुकथा पर पुनः आता हूँ. सादर 

आदरणीया जानकी जी प्रदत्त विषय के अनुरूप आपने बढ़िया कथानक बुना है. सकारात्मक अंत वाली बेहतरीन लघुकथा हुई है. इस लघुकथा का अनूठापन मुझे इसके कथ्य शैली और चरम बिंदु की सकारात्मकता लगी.  इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई.

आ. मिथिलेश सर जी।सादर आभार कथा की कथ्य शैली को सराहने के लिए।आपका एक एक शब्द हम नवांकुरों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। नमन।

आदरणीया जानकी जी आपका बहुत बहुत आभार.... मेरे कहे का मान रखने के लिए.

वाह जानकी सखी।बहुत बढ़िया रचना हुई ।एक सकारत्मक पहलु के साथ।बधाई हो।
thanx रश्मि सखी।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रानुरूप अच्छे छंदों का सृजन हुआ है आदरणीय अखिलेश जी।         …"
4 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"अच्छे छंद हुए हैं आदरणीया प्रतिभा पांडे जी। चित्र को अच्छे से परिभाषित किया है आपने।    …"
12 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  चित्र के अनुरूप और शिल्प बद्ध है आपकी प्रस्तुति, हार्दिक बधाई स्वीकार…"
15 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी,  आपकी तीनों छंद रचनाएँ प्रदत्त चित्र को, इसके भाव को शाब्दिक कर रही…"
21 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"रचना प्रयास को अपना अमूल्य समय देकर सराहने और उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ…"
41 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ सारे चैनल देखिए, पढ़िए सब अखबार्। योग शक्ति को मानता, अब सारा संसार॥ अब सारा…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुण्डलिया छंद  _____ कहता है यह प्यार से,बात पते की चित्र।  सेहत की कुंजी मिले, बने…"
2 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय, 'नूर साहब, ग़ज़ल लेखन पर आपके सिद्धहस्त होने से मैंने कब इन्कार किया। परम्परागत ग़ज़ल…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय अजेय जी,  आपकी छंद-रचनाएँ शिल्पबद्ध और विधान सम्मत हुई हैं.  सर्वोपरि, आपके…"
17 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service