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भांग, शादी की मिठाई में न डालो लड़कियों,
वरना वर का बाप दुल्हा बन खड़ा हो जायेगा।
हुस्न खुल्लेआम गलियों में दिखाये जलवा तो,
शह्र मेरा रांची या फिर आगरा हो जायेगा।
तुम गुलाबी ,लाल सड़ी मत पहनना होली में,
सांडों का ये शह्र वरना बावरा हो जायेगा।
दिल अभी बच्चा है दानी ,पानी दोगे प्यार से,
तो मुनासिब काम खातिर ये बड़ा हो जयेगा।
बस जी यही कमी थी आपने पूरी कर दी, मुशायरा अपने पूर्णत्व को प्राप्त कर गया :)
आंय !
ये winaasa कौन है जी ?
पता लगाईये जी एक अदद तो हमारे पास भी होनी चाहिए
होली भी आए गई है :)
भांग, शादी की मिठाई में न डालो लड़कियों,
वरना वर का बाप दुल्हा बन खड़ा हो जायेगा ..
संजय जी ,... ये भी खूब रही ... सोच अगर ऐसा हो गया तो क्या होगा ....
First of all I must congratulate you for achiving " best Ghazal blogger of the year.
thanks for giving your encuraging comment NaswajI.
सारे ही शेर बढ़िया हें डा.साहब बधाई.
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