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"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 42 (Now closed with 1053 Replies)

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।

ओपन बुक्स ऑनलाइन नें इसी माह अपने चार वर्ष पूर्ण कर, पांचवें में प्रवेश किया है. सभी जानते हैं कि लुप्त-प्राय लोकविधा 'कह-मुकरी' को पुनर्जीवित कर मुख्य धारा में लाने का श्रेय ओपन बुक्स ऑनलाइन को ही प्राप्त है. साथ ही इस लालित्यपूर्ण विधा के सममात्रिक समतुकांत स्वरुप को ओबीओ द्वारा ही स्पष्टतः स्थापित किया गया है. अत: निर्णय किया गया है कि इस बार का आयोजन इसी विधा पर ही आधारित हो. .तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और इस चुलबुली विधा में दे डालें अपनी सर्वश्रेष्ठ काव्यात्मक अभिव्यक्ति.

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-42:

विधा: कह-मुकरी (विषय मुक्त)      

 

आयोजन की अवधि- शनिवार 12 अप्रैल 2014 से रविवार 13 अप्रैल 2014 की समाप्ति तक  

(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)

 

उन सदस्यों के लिए जो कह-मुकरी के आधारभूत नियमों से परिचित नहीं हैं, उनके लिए इस विधा का संक्षिप्त विधान इस लिंक पर उपलब्ध है. 

 

कह-मुकरियों के आधारभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें.

 

अति आवश्यक सूचना :- 

.

  • रचनायों को विषय के बंधन से भी मुक्त रखा गया है, अर्थात आप अपने मन पसंद विषय पर कह-मुकरी कहने के लिए स्वतंत्र  हैं.
  • इस बार प्रविष्टियों की संख्या को अधिकतम सीमा से मुक्त रखा गया है.
  • सदस्यगण आयोजन की अवधि के दौरान प्रति प्रविष्टि सिर्फ पाँच उच्चस्तरीय कह-मुकरियाँ प्रस्तुत कर सकते हैं.
  • रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.



(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 12 अप्रैल 2014 दिन शनिवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

 

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मंच संचालिका
डॉo प्राची सिंह
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

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Replies to This Discussion

आदरणीय योगराज प्रभाकर जी रचना एवं उत्‍सव में सहभागिता के लिये आपको हार्दिक बधाई

कोशिश करके कुछ तो लिक्खूँ।

उन्हें देख कर मैं भी सीखूँ।

सहज बता दे सारे राज,

क्या सखी साजन? न्न, योगराज॥

आदरणीय योगराज बड़े भईया आपकी मुकरियाँ तो पूरा स्कूल ही हैं... समझाता, सिखाता...

सादर बधाई स्वीकारें गुरुवर...

अरे वाह, आज तो कह मुकरियों की झड़ी लगी हुई है। आनन्द ही आनन्द है।

आदरणीय योगराज भाई , पहाड़ी नदी सी उछलती कूदती आपकी हर रंग मे, कह मुकरियों की जितनी तारीफ करूँ कम है ॥ ढेरों बधाइयाँ स्वीकार करें ॥

आदरणीय योगराज जी, 

एक के बाद् एक रचनायें वाह वाह...ऎसा लग रहा है जैसे कोहली को पाटा विकेट मिल गया है बस दे दनादन....

अब जीजा माचिस जैसा बदन लिये सत्ता का सुख भोगने के लिये गन्ने के खेत में धोनी की तरह हेलिकाप्टर शाट की प्रैक्टिस करेगा तो चिडिया़ भी भागने वाली नहीं है....

सुन्दर रचनायें...

सादर.

 

कहमुकरी का अद्भुत ज्ञाता .
कहमुकरी से अजब है नाता .
कहमुकरी का सोम - दिवाकर .
ऐ सखी साजन ? ना , प्रभाकर .
बेहतरीन पेशकश के लिए बधाई आदरणीय .

एक धमाका और...

छेड़छाड़ करने की आदत  
बरजोरी की करता जुरअत  
हाथ जोड़ भी नहीं पसीजा
ऐ सखि  साजन ? न सखी जीजा ..............यह तो पिटाई करवा सकती है :)))))))))))

बधाई बधाई बधाई

वाह वाह, क्या हैट्रिक लगाईं है , बहुत बढ़िया, सीने में बारूद छुपाये …………बेजोड़ बंद है, बधाई बधाई बधाई।

ऊँचा लम्बा, बे नखरा है 
नस नस में मकरंद भरा है
सीधा सादा रहता बन्ना 
ऐ सखि साजन ? न सखी गन्ना ................. वाह ! कमाल ! कमाल ! मास्टर स्ट्रोक लगा एकदम से ! और जीजा वाला तो गज़ब , बहुत ही ईमानदार रुमान से भरा हुआ !

चार कह-मुकरियाँ                                  

      

(1  )

ध्यान समय का रख न पाये।                                  

मनमर्जी से आये- जाये॥                                      

करता है हर दिन यही खेल।                                  

हे सखि साजन, ना सखी रेल॥

       

( 2 )

बिन माँगे सब कुछ पा जाये।

जो भी आये, खुश कर जाये॥

हर दिन, हर पल, है शुभ अवसर।

हे सखि गणिका, ना सखि अफसर॥  *गणिका  =  तवायफ  

       

( 3 )

लूट खसोट, काम है इनका।

करें हमेशा, अपने मन का॥

गलत काम के यही प्रणेता।

हे सखि डाकू, ना सखि नेता॥  

         

( 4 )

भोर भये हर दिन वो आये।                                

मीठे सुर में मुझे जगाये॥                                 

उसके बिन सूनी हैं रतियाँ।                                   

हे सखि साजन, ना सखि चिड़ियाँ॥           

(मौलिक व अप्रकाशित)   

(1  )

ध्यान समय का रख न पाये। ... न को ना कर दिया जाये तो मात्रा और प्रवाह दोनों सुधर जायें.
मनमर्जी से आये- जाये॥ .... .मनमर्जी यहाँ बहुत सटीक शब्द नहीं हो सकता, 'लेट-लतीफ' होना मेरे हिसाब से सही होगा.
करता है हर दिन यही खेल।
हे सखि साजन, ना सखी रेल॥

( 2 )
बिन माँगे सब कुछ पा जाये।
जो भी आये, खुश कर जाये॥
हर दिन, हर पल, है शुभ अवसर।
हे सखि गणिका, ना सखि अफसर॥ ........  :-))))  ..
यह अफ़सरों पर घन-प्रहार है आदरणीय.. हा हा हा हा..    

( 3 )
लूट खसोट, काम है इनका।
करें हमेशा, अपने मन का॥
गलत काम के यही प्रणेता।
हे सखि डाकू, ना सखि नेता॥  .. जय हो.. .

( 4 )
भोर भये हर दिन वो आये।                          
मीठे सुर में मुझे जगाये॥      
उसके बिन सूनी हैं रतियाँ।        
हे सखि साजन, ना सखि चिड़ियाँ॥  ... . बहुत प्यारा सा बन्द हुआ है.

आदरणीय उपरोक्त सुझाव मेरे मन की उपज मात्र हैं. आपके मन-मुआफिक न हों तो आप तनिक ध्यान मत दीजियेगा.
सादर

आदरणीय सौरभ भाईजी,

ध्यान समय का रख न पाये। ////..... मात्रा गिनने में मुझसे गलती हुई।

हर एक मुकरियों पर क्रमवार एवं सटीक टिप्पणी देकर मेरे साथ सही न्याय किया है , हार्दिक धन्यवाद आदरणीय

मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए पुनः धन्यवाद आभार 

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