For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,
सादर अभिवादन ।
 महा-उत्सव के नियमों में कुछ परिवर्तन किये गए हैं इसलिए नियमों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें |

पिछले 34 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 35
विषय - " निर्माता "
आयोजन की अवधि-  रविवार 08 सितम्बर 2013 से सोमवार 09 सितम्बर 2013 तक 

(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)
तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दिए हुए विषय को दे डालें एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति. बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य-समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित पद्य-रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --
तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :-
ओबीओ लाईव महा-उत्सव के 35 में सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक ही दे सकेंगे, ध्यान रहे प्रति दिन एक, न कि एक ही दिन में दो. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.

सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 08 सितम्बर दिन रविवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तोwww.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालिका 
डॉo प्राची सिंह 
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 15114

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

बहुत सुन्दर और सार्थक त्रिभंगी रचना ले लिए हार्दिक बधाई आदरणीया रजेश जी | सादर 

आदरणीय लक्ष्मण जी आपकी प्रतिक्रिया हमेशा उत्साहवर्धन करती है हार्दिक आभार आपका|

वाह वाह आदरणीया राजेश कुमारी जी 

इसे कहते हैं गागर में सागर भरना बहुत ही उत्तम छंद हुआ है 

ढेरों बधाई स्वीकारें 

प्रिय संदीप कुमार जी छंद  पर आपकी प्रतिक्रिया ने जो होंसला आफजाई की उसके लिए दिल से आभारी हूँ 

आदरणीया राजेश कुमारी जी , लाजवाब प्रस्तुति के लिये बहुत बधाई !!!

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी रचना (छंद त्रिभंगी )आपको पसंद आई लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ 

 

जीवन निर्माता ,भाग्य विधाता ,सब दुख हरता , है  ईश्वर

त्रण-त्रण परिभाषित,राह प्रदर्शित,पग- पग करता ,है गुरुवर

 चुनकर पग कांटे, सुख- दुख बांटे, खुशियाँ भरता ,  है प्रियवर   

  सर्वस्व  समर्पक,गेह  प्रवर्तक , मन का धरता,  है दिलवर 

वाह बहुत ही सुंदर ... बधाई स्वीकार करें आदरणीया राजेश दी 

प्रस्तुति पसंद आई प्रिय महिमा श्री दिल से आभारी हूँ क्रप्या संशोधित रचना पर कमेन्ट करें ताकि आप भी मेरी उस त्रुटी को समझ सकें जिसके लिए संशोधन किया है   

त्रिभंगी छंद पर बढ़िया प्रयास हुआ है, भाव खुल कर आ रहें हैं, बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें । 


छंद आपको पसंद आया मेरा लिखना सार्थक हुआ आदरणीय गणेश जी हार्दिक आभार आपका|

वाह!! सादर बधाई स्वीकारें आदरणीया राजेश कुमारी जी

सादर आभार आदरणीय संजय मिश्रा  जी  मेरे लेखन को सार्थकता मिली 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Aazi Tamaam जी नमस्कार। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई। 11वां शे'रअच्छा लगा।"
4 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Aazi Tamaam जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर-दर-शेर दाद-ओ-मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
38 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दयारामजी ग़ज़ल का बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"सोच के आये थे कुछ दर्द से राहत होगी तेरे उपवन का तो हर फूल ही पत्थर निकला वाह बहुत बढ़िया शेर हुआ…"
50 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार।"
53 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आसमाँ छूने की जल्दी में था हर शख्स मगर  जब भी निकला वो क़दम रख के ज़मीं पर निकला वाह बहुत खूब।"
53 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक आभार। "
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय।"
57 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद। "
58 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय, अमित जी संज्ञान हेतु हार्दिक आभार। "
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"बहुत बहुत शुक्रिया ज़र्रानवाज़ी का आ श्याम जी"
1 hour ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीया ऋचा जी, सादर अभिवादन। ग़ज़ल तक पहुँचने एवं उस्ताहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभारी हूँ।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service