For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उत्थान
(भारत के स्वाधीनता दिवस के 66वीं वर्षगाँठ पर बच्चों के प्रति)

बच्चों यह जो आज तिरंगा लहराता
    यह अम्बर जो आज खुशी के गाता गीत,
पूछो इनसे कितने बलिदानों की गाथा
    हैं इनमें किनके आँसू, अरमाँ, किनकी जीत.

जीवन आज बहुत चपल मतवाला है
    अस्थिरता है जग में हर पल, हर मन में,
ठहरो तुम चहुँ ओर अभी उजाला है
    यह प्रकाश सिंचित हो तव चेतन में.

देखो क्या इतिहास रचा है वीरों ने
    कितने ही आहों के सुर-बंधन से,
जानो कितने करवट बदले तक़दीरों ने
    कैसे यह अमृत पाया विष मंथन से.

आज तुम जिस ध्वजा तले हो इठलाते
    जिसके बल पर ‘जय हिंद’ का लगता नारा,
उसको थामे रहती थी शत सहस्र हाथें
   बहती थीं उन हाथों से शोणित की धारा.

उन विस्मृत प्राणों को तुम याद करो
    दो बूंद अश्रु के आज ज़रा बहा दो तुम,
जो उजड़ गया वह धरती आबाद करो
    अहंकार का यह प्राचीर ढहा दो तुम.

है पथ प्रदर्शक सारे जग का भारत महान
    महाकाल ने भी मस्तक झुकाया है,
‘मानव प्रेम सर्वोच्च है’ – यह अमर व्याख्यान
    इस धरती ने ही जग को कभी सुनाया है.

बच्चों, अब यह प्रशस्त पथ तुम्हारा है
    नये युग के नये क़दमों में संगीत नया,
अब जीवन की डोर औ’ यह रथ तुम्हारा है
    बोझिल अतीत की बातें अब क्यों, रीत नया.

आज़ादी का शंख बजा था घर-घर में
    हम जब तुम जैसे ही छोटे बच्चे थे,
तब दीप जला था हर शिशु के नन्हें उर में
    तब हम हृदय से तुम जैसे ही सच्चे थे.

हमने क्या किया और क्या नहीं किया
    यह प्रश्न उठाना आज निरर्थक लगता है,
विश्व में फैला फिर से एक अशांति नया,
    सारा अनुभव इतिहास निरर्थक लगता है.

जागो फिर से जग में नयी रसधार बहे
    नये युग का तुम करो नया अब सूत्रपात,
हर दिल में, हर घर में केवल प्यार रहे
    हिंसा पर कर दो तुम अंतिम आघात.

.

(मौलिक एवं अप्रकाशित रचना)

Views: 710

Replies to This Discussion

.
आदरणीय शरादिन्दू मुकर्जी जी ,
आप की कविता ' उत्थान ' पढ़ कर भारत के प्रति देश प्रेम की भावना स्वत ही जागृत होती है .
मन प्रसन्न और भावुक हो उठा . .
बहुत सुंदर ,गहराई में ले जाने बाली सामग्री एकत्रित की है आप ने .
बच्चों के लिय तो भारतीयता की महिमा अनिवार्य है .लिखते रहे .
शुभ कामनाएं .ढेर सी बधाई .
सादर .

आदरणीय जिंदल जी,

आपने यह प्रस्तुति पढ़ी, यह मेरा सौभाग्य है. अशेष धन्यवाद. मैं चाहता था कि मुख्य ब्लॉग पेज पर यह रचना रहे और बहुत से लोग पढ़ें. लेकिन ओ.बी.ओ. के आग्रह पर मैं इसे बाल-साहित्य समूह में रखने के लिये राज़ी हुआ. आशा करूंगा कि बच्चे और उनके अभिभावक भी इस रचना को पढ़ेंगे तथा अपनी राय देंगे. आपकी टिप्पणी ने मुझे प्रोत्साहित किया है. एक बार फिर हृदय से आभारव्यक्त करता हूँ. 

आदरणीय शर्दिन्दु जी:

 

एक बहुत ही प्यारी रचना लिखी है आपने।

यह केवल बच्चों को नहीं, सभी को प्रेरणा देती है।

इस सफ़ल, श्रेष्ठ, प्रेरक रचना के लिए साधुवाद।

 

सादर,

विजय निकोर

 

 

यह रचना बच्चों में देश प्रेम की भावना जगाने वाली है। आजादी के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की शहादत को याद रखना और आजादी की कीमत को समझना और बच्चों को समझाना बहुत जरूरी है। आपकी यह रचना इसमें सफल रही है।
आपको इस रचना के लिए बहुत बहुत बधाई!

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Feb 1
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service