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भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs ,
तू छोड़ा गुंडा गर्दी अब एतना लिह जानs ,
अब नइखे भलाई जे कोई तोहरा हाथ से माराइ ,
अब तोहे मिल सके ला सजा लिह तुहू जान ,
भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मान ,
हो सके ला भैया तुहू कईला बढ़िया काम ,
कानून ता अँधा होला करी आपन काम ,
जइसन मिली साख साबुत उहे रही ध्यान ,
भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs ,
अब तू सोचबा देश के खातिर कहे दिही जान ,
खुबे खाईबी पडल रहब होई हमार कल्याण ,
का जरुरत बाटे हमारा की दिही हम जान ,
भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs ,
लछुमन के आजीवन सजा काम कईले तिस में ,
सत्तर के हो गईले बीती जीवन चक्की पिस के ,
वो समय जे सोचले रहते आइल रहित ज्ञान ,
भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs ,

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Replies to This Discussion

जी गुरूजी बहुत ही बढ़िया सिख बा वर्दी वालन के,जे की हमेशा अपना वर्दी के नशा में चूर रहेला,का सही बा ---का गलत बा एकर त कोई पूछ ही नइखे ....जैसे बुझाला की पूरा देश ही इ लोग के वर्दी में तोपायिल बा
रवि जी, हमेशा के तरह बहुत बढ़िया रचना ।
dhanyabad neelam ji awam ratnesh ji

हो सके ला भैया तुहू कईला बढ़िया काम ,
कानून ता अँधा होला करी आपन काम ,
जइसन मिली साख साबुत उहे रही ध्यान ,
भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs ,

जय हो गुरु जी. 

dhanyabad satish ji

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