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सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

पन्द्रह अगस्त फिर आया है
हमको यह याद दिलाने को,
स्वतंत्रता की खुशी मनाएं
पर ना भूलें बलिदानों को।
ये धरती, येअम्बर अब भी
साक्षी है उन दीवानों की,
सर्वस्व लुटाकर अमर हुए
आजादी के परवानों की।
ना सहन कर सके जो थे
भारत माता का बन्धन,
निज शीश चढ़ा आहुति में
करते थे राष्ट्र यज्ञ, वन्दन।
हम भूलें नहीं कभी भी
आजादी का वह नारा,
हम मिटें भले, लेकिन यह
लहराए तिरंगा प्यारा।
हम बंटे नहीं टुकड़ों में
यह शपथ हमें लेना है,
उन वीरों की यह धरोहर
प्राणों से रक्षा करना है।
हों सजग अगर हम सब तो
आजादी का सच समझें,
केवल निज स्वार्थ न देखें
हित सदा देश का सोचें।
माता आहत होती है
जब बहे लहू की धारा
क्यों जाति धर्म मजहब ने
मानवता को है मारा।

.
मौलिक एवं अप्रकाशित।

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Comment by आशीष यादव on August 25, 2020 at 11:34pm

स्वतंत्रता दिवस पर एक अच्छी रचना हुई है। बधाई स्वीकार कीजिए।

Comment by Samar kabeer on August 25, 2020 at 3:40pm

मुहतरमा शीला शर्मा जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

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