आ0 गनेश जी बागी सर जी, आपके आश्चर्यचकित पूर्ण स्वादिष्ट केक से जन्म दिन की बधाई व शुभकामनाओं का आनन्द दोगुना हो गया। आपका बहुत बहुत शुक्रिया व हार्दिक आभार। सादर,
आदरणीय गणेश जी और OBO की कार्याकारिणी सदस्य .. आप सभी का तहे - दिल शुक्रिया ... मेरी यह रचना इस योग्य नहीं थी ... लेकिन एक पाठक की दृष्टि और अन्य आयामों से अगर यह इस योग्य हो तो मेरे लिए इस से बड़ी खुशी की बात नहीं.. आप सभी का ह्रदय से आभार
आ॰ गणेश जी, मेरे लिए यह समाचार बहुत विस्मित करने वाला है। मैं अपने छोटे से रचना काल में सैकड़ों रचनाएँ लिख चुकी हूँ, जो यहाँ प्रकाशित करने के योग्य नहीं थीं। यह पुरस्कार मेरी साहित्यिक यात्रा का और मेरी ज़िंदगी का सबसे पहला पुरस्कार है। मेरा मोबाइल नंबर और पता तो यहीं प्रोफाइल पर संलग्न है, और क्या करना है आप बताएं।...सादर
आदरणीय बागी जी .... जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाये .... ये दिन आप के जीवन ने ढेर सारी खुशिया और तरक्की लाये ....... बार बार ये दिन आये बार बार ये दिल गाये आप जिये हजारो साल है मेरी ये आरजू... happy birth day to u ..
आदरणीय बागी जी, आपका बहुत आभार! यह आपका और ओबीओ के सदस्यों का स्नेह है। मुझको आपने जो सम्मान दिया है वह मेरे लिए साहित्य अकादमी पुरूस्कार जीतने जैसा है। आपका, ओबीओ प्रबंधन मंडल, कार्यकारिणी व सभी सदस्यों को बहुत बहुत धन्यवाद! अपना स्नेह व आशीष यूं ही बनाए रखिएगा और मुझे राह दिखाते रहिएगा। सादर!
यद्यपि मैंने नियमावली पढ़ ली है जो की शायद दाहिनी तरफ दी गई आवश्यक सूचना व नव वर्ष की घोषणा है , फिर भी यदि कहीं कोई त्रुटि हो गई हो तो बता दें । आपका अत्यंत आभार ।
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Comments
Comment Wall (269 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
आदरणीय गणेश सर जी आपका ह्रदय से धन्यवाद स्नेह और आशीष बनाये रखिये सादर
aisa privacy settings na samajh pane ke karan hua hai. jise ub thik kr diya hai.comment ko approve kar diya hai.....asuvidha ke liye khed hai.....
आदरणीय गणेश बागी जी ,आपलोगों की हौसला-अफ़्ज़ाई का ही नतीज़ा है
आदरणीय बागी जी रचना पसन्द आई ! अपना लिखना सार्थक हुआ ! धन्यवाद !
dhanyawad ji
धन्यवाद गणेश जी ..!!
आदरणीय गणेश जी ... आपको बहुत बहुत धन्यवाद .. केक भी बहुत प्यारा है... इतनी प्यारी शुभकामनाओं के लिए ह्रदय से आभार
आ0 गनेश जी बागी सर जी, आपके आश्चर्यचकित पूर्ण स्वादिष्ट केक से जन्म दिन की बधाई व शुभकामनाओं का आनन्द दोगुना हो गया। आपका बहुत बहुत शुक्रिया व हार्दिक आभार। सादर,
आदरणीय गणेश जी,
मुझे खेद है कि मैं गलती से FAQ को क्लिक कर दिया ,आगे से ऐसी गलती से बचा जाएगा
आदरणीय गणेश जी और OBO की कार्याकारिणी सदस्य .. आप सभी का तहे - दिल शुक्रिया ... मेरी यह रचना इस योग्य नहीं थी ... लेकिन एक पाठक की दृष्टि और अन्य आयामों से अगर यह इस योग्य हो तो मेरे लिए इस से बड़ी खुशी की बात नहीं.. आप सभी का ह्रदय से आभार
सर ओ बी ओ जैसा अच्छा मंच बनाने के लिए आपको अनेकों अनेक धन्यवाद !
आ॰ गणेश जी, मेरे लिए यह समाचार बहुत विस्मित करने वाला है। मैं अपने छोटे से रचना काल में सैकड़ों रचनाएँ लिख चुकी हूँ, जो यहाँ प्रकाशित करने के योग्य नहीं थीं। यह पुरस्कार मेरी साहित्यिक यात्रा का और मेरी ज़िंदगी का सबसे पहला पुरस्कार है। मेरा मोबाइल नंबर और पता तो यहीं प्रोफाइल पर संलग्न है, और क्या करना है आप बताएं।...सादर
सदस्य कार्यकारिणीअरुण कुमार निगम said…
केक टेस्टी है. धन्यवाद
आपके प्रोत्साहन भरे भावों के लिए शुक्रिया
सादर
आदरणीय बागी जी .... जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाये .... ये दिन आप के जीवन ने ढेर सारी खुशिया और तरक्की लाये ....... बार बार ये दिन आये बार बार ये दिल गाये आप जिये हजारो साल है मेरी ये आरजू... happy birth day to u ..
आदरणीय बागी जी,
आपका बहुत आभार! यह आपका और ओबीओ के सदस्यों का स्नेह है। मुझको आपने जो सम्मान दिया है वह मेरे लिए साहित्य अकादमी पुरूस्कार जीतने जैसा है।
आपका, ओबीओ प्रबंधन मंडल, कार्यकारिणी व सभी सदस्यों को बहुत बहुत धन्यवाद!
अपना स्नेह व आशीष यूं ही बनाए रखिएगा और मुझे राह दिखाते रहिएगा।
सादर!
आदरणीय गणेश जी, मित्रता स्वीकार करने के लिए हार्दिक आभार....
रचना "सोने के काजल" पर मूल्यवान प्रतिक्रिया हेतु आभार.
आदरणीय गणेश जी ,
नमस्कार ,
यद्यपि मैंने नियमावली पढ़ ली है जो की शायद दाहिनी तरफ दी गई आवश्यक सूचना व नव वर्ष की घोषणा है , फिर भी यदि कहीं कोई त्रुटि हो गई हो तो बता दें । आपका अत्यंत आभार ।
अन्नपूर्णा बाजपेई ।
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
मकर संक्रांति
नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
भाग्य और गर्भ काल ( दोहा दसक)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
जाने तुमको क्या क्या कहता
दोहा दसक- बेटी -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा सप्तक - नाम और काम- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
जमा है धुंध का बादल
शीत- दोहा दसक-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा पंचक. . . . .जीवन
दोहा पंचक. . . संघर्ष
सूरज सजीले साल का
नूतन वर्ष
नये साल में-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
राम पाना कठिन शेष जीवन में पर -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
जिन्दगी भर बे-पता रहना -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा पंचक. . . रोटी
दोहा पंचक. . . . .
एक बूँद
कमियाँ बुरी लगती हैं
दोहा पंचक. . . . .व्यवहार
Latest Activity
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
मकर संक्रांति