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तुम उजला सन्दर्भ हो , जिसका मैं हूँ वही कहानी...

मैं हूँ बंदी बिन्दु परिधि का, तुम रेखा मनमानी |
मैं ठहरा पोखर का जल, तुम हो गंगा का पानी ||

मैं जीवन की कथा-व्यथा का नीरस सा गद्यांश कोई इक |
तुम छंदों में लिखी गयी कविता का हो रूपांश कोई इक |
मैं स्वांसों का निहित स्वार्थ हूँ , तुम हो जीवन की मानी  ||

धूप छाँव में पला बढा मैं विषम्तायों का हूँ सहवासी |
तुम महलों के मध्य पली हो ऐश्वर्यों की हो अभ्यासी | 
मैं आँखों का खारा संचय , तुम हो वर्षा अभिमानी ||

विपदायों, संत्रासों से मेरा अटूट अनुबंध रहा है |
पीड़ा से अनभिज्ञ रही तुम सुख से ही सम्बन्ध रहा है |
मैं शमशानी श्वेत वस्त्र हूँ , तुम हो चूनर धानी ||

सुबह शाम सा दो स्वासों का मिलन सदा ही रहा असंभव |
"'अजय "सत्य है फिर भी जीवन तट बंधों पर ही है संभव | 
तुम उजला सन्दर्भ हो , जिसका मैं हूँ वही कहानी ||

मैं हूँ बंदी बिन्दु परिधि का तुम रेखा मनमानी |
मैं ठहरा पोखर का जल तुम हो गंगा का पानी ||

अप्रकाशित / अमुद्रित सर्वाधिकार 
सुरक्षित : अजय कुमार शर्मा 

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 30, 2012 at 3:02pm
सुबह शाम सा दो स्वासों का मिलन सदा ही रहा असंभव |
"'अजय "सत्य है फिर भी जीवन तट बंधों पर ही है संभव | 
तुम उजला सन्दर्भ हो , जिसका मैं हूँ वही कहानी ||
बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई श्री अजय शर्मा भाई
 
देखो फिरभी साँझ पड़े दूर क्षितिज पर मिलना हो सकता है संभव
दूर क्षितिज पर अंकित,भले असंभव टंकित, किरने आशा की संभव 
खोले द्वार सम्भावानाओ के, नव वर्ष में आओ आगाज करे ।
तुम उगती किरणे हो, देखू उसमे लिखने वही कहानी
मै ठहरा पुराना पोखर जल, तुम निर्मल गंगा का पानी ।।  - लक्ष्मण लड़ीवाला 

 

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 30, 2012 at 10:53am

मैं हूँ बंदी बिन्दु परिधि का तुम रेखा मनमानी |
मैं ठहरा पोखर का जल तुम हो गंगा का पानी ||.....वाह! उत्तम!

आदरणीय अजय शर्मा जी सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by वीनस केसरी on December 28, 2012 at 10:09pm

SHAAAAAANDAAAAAAAAAAAAAAAAAR


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 28, 2012 at 10:49am

बहुत सुन्दर गीत आदरणीय अजय जी,

मन के कोमल भाव, सुकोमल सुन्दर शब्दों में जैसे बहे जा रहे हैं...बहुत खूब, हार्दिक बधाई इस अभिव्यक्ति पर.

इस सुन्दर गीत को यदि मात्रा गणना के अनुसार थोडा सा साधा जाए तो इसमें अद्भुत निखार आ जाएगा...सादर.

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