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ओ.बी.ओ.की 9 वी सालगिरह का तुहफ़ा

है उजागर ये हक़ीक़त ओ बी ओ

मुझको है तुझसे महब्बत ओ बी ओ

तेरे आयोजन सभी हैं बेमिसाल

तू अदब की एक जन्नत ओ बी ओ

कहते हैं अक्सर ,ये भाई योगराज

तू है इक छोटा सा भारत ओ बी ओ

सीखने वाले यही कहते सदा

तू करे बे लौस ख़िदमत ओ बी ओ

सबके दिल में बन गया है घर तेरा

सबके दिल में तेरी चाहत ओ बी ओ

मैं हूँ दीवाना तेरा सब जानते

तू मेरे दिल की है राहत ओ बी ओ

जुड़ गया है जो भी दामन से तेरे

दिल से करता है वो इज़्ज़त ओ बी ओ

चाहने वाले हज़ारों हैं तेरे

है ये तेरी क़द्र-ओ-क़ीमत ओ बी ओ

दिल से निकली है "समर" के ये दुआ

तू रहे सदियों सलामत ओ बी ओ

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on November 26, 2019 at 5:12pm

जनाब डॉ. आशुतोष मिश्रा जी आदाब,आप दुरुस्त कहते हैं ।

ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका आभारी हूँ ।

//आज बहत दिनों बाद इस मंच पर आना हुआ//

शायद इसीलिए आप मेरा नाम भी भूल गए, मेरा नाम 'समीर' नहीं 'समर' है:-)))

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 26, 2019 at 12:12pm

परम आदरणीय समीर सर बहुत ही उत्कृष्ट रचना है / हम सबके जीवन में इस मंच का बिशेस महत्व है/ आज बहत दिनों बाद इस मंच पर आना हुआ / इस रचना के लिए आपको तहे दिल बधाई सादर प्रणाम के साथ

Comment by Samar kabeer on September 25, 2019 at 7:47am

बहुत शुक्रिय: निशा जी ।

Comment by Nisha on September 24, 2019 at 10:57pm

बहुत बहुत बधाई स्वीकार करे सर

Comment by Samar kabeer on September 22, 2019 at 2:14pm

ग़ज़ल की सराहना के लिए बहुत धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on September 22, 2019 at 2:13pm

बहुत ख़ूब, जनाब राम आश्रय जी,शुक्रिय:

Comment by Asif zaidi on September 22, 2019 at 12:49pm

बहुत बहुत मुबारकबाद बहुत उम्दा ग़ज़ल ओ बी ओ

Comment by Ram Ashery on August 18, 2019 at 4:14pm

प्यार और दुआ में ताकत है वह गज़ब की 

बहे जिस दिशा में मिटा दे गर्दिश वहाँ की 

ओ बी ओ की सफलता है संपादक मण्डल की  

शत्रु को मित्र में बदल दे ख्वाहिस समीर की ॥ 

   

Comment by Samar kabeer on August 17, 2019 at 11:00am

मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Pratibha Pandey on August 16, 2019 at 4:46pm

बहुत ही सुन्दर तोहफा ओ बी ओ के लिए , बहुत बहुत बधाई स्वीकार करे सर 

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