क्षण क्या हैं??????
एक बार पलक झपकने भर का समय....
पल-प्रति-पल घटते क्षण में,
क्षणिक पल अद्वितीय,अद्भुत,बेशुमार होते,
स्मृति बन जेहन में उभर आये,वो बीते पल,
बचपन का गलियारा,बेसिर - पैर भागते जाते थे,
ऐसा लगता था,जैसे समय हमारा गुलाम हो,
उधेड़बुन की दुनिया में सरपट भागता समय फिर हाथ ना आया,
बात तब समझ आई,जब जीवन में बहुत कुछ पीछे छूट गया,
सम्भावना छिपी होती प्रतिक्षण में-
पलभर में सपनों के महल खण्डहर हो गये या
निराश भरे क्षणों में आशा की किरने बिखर गई या
म्लान परतों पर सम्वेदना अपना रस उड़ेल गई,
अच्छे-बुरे कर्म ही बनाते समय को भला-बुरा,
क्षण भंगुर जीवन ,पल में ख़ुशी या गम से भरा,
वक्त रहते बात समझ आई,समय प्रतीक्षारत नही किसी की ,
समय सीख देता,निरन्तरता,नियमितता,वचनबद्धता की,
पहचान,परख,समझ समय को,जीवन को उन्नत बना,
अतीत से सीख,वर्तमान सुधार,भविष्य को उज्ज्वल बना,
'समय 'जीवन का अनमोल धन हैं,समान हक होता सबका,
सतत समय का मान कर ले,वरना हाथ मलते रह जाएगा.
रचना मौलिक व अप्रकाशित हैं.
बबीता गुप्ता
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