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2122 2122 2122 212
शाम के मद्धम उजालो में वो डर का जागना
मेरी किस्मत में लिखा है उम्र भर का जागना

खामुशी से जुल्म का कब हो सका है एहतजाज
देखना बाकी है अब सोए नगर का जागना

जब भी वापस लौटता हूँ देखता हूँ मैं फ़क़त
एक तनहा शाम के साए में घर का जागना

काश देखा होता तुमने मेरे चेहरे पर कभी
राह तकती दूर तक बेबस नज़र का जागना

याद है? वो सर्दियों की नर्म रातें,और फिर
चाय की वो चुस्कियाँ लेकर सहर का जागना

एहतिजाज- प्रतिरोध

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by शिज्जु "शकूर" on September 13, 2016 at 5:22pm
मोहतरम तस्दीक़ अहमद खाँ साहब आपका तहेदिल से शुक्रिया

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 13, 2016 at 5:21pm
मोहतरम जनाब समर कबीर साहब आपका बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on September 12, 2016 at 8:13pm

मोहतरम जनाब  शकूर   साहिब  आदाब  , अच्छी ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं 

Comment by Samar kabeer on September 11, 2016 at 2:40pm
जनाब शिज्जु शकूर साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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