For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वक्त बड़ा ही शरारती बच्चा

वक्त बड़ा ही शरारती बच्चा

चुपके से बदल देता स्याही
बालों पे फेर देता चांदी
जज्बात में घेर देता आंधी
आँखों को घेरे, धुंधले सबेरे
भाल पर भूली शिकनें उकेरे
गालों पर गुज़रे पलों की कहानी
करता ही जाता यूं मनमानी
वक्त बड़ा ही शरारती बच्चा
अपनी धुन का बिलकुल पक्का
आवाजाई का चक्र घुमाता
जनक ले जाता जननी ले जाता
फिर गोदी भरता बचपन बिठाता
फिर से खिलौनों की बातें चलाता
किलकारी से ललक
ललक से चहक
वासन्ती फुहारें
गुले गुलजारें
सोने से दिन चांदी सी रातें
उमंगों तरंगों की उजली बातें
धरती बदलने की अम्बर टहलने की
सागर को मथने की दुनिया दहलने की
जोश की बातें होश की बातें
मस्ती सी बातें मदहोश बातें
भुलावे में रखता स्वंयभू बनाता
स्वंयभू बेचारा सम्भल भी न पाता
वो फिर खिलखिलाता हंसी उडाता
वक्त बड़ा ही शरारती बच्चा
चुपके से बदल देता स्याही
बालों पे फेर देता चांदी
जज्बात में घेर देता आंधी
आँखों को घेरे, धुंधले सबेरे
भाल पर भूली शिकनें उकेरे
गालों पर गुज़रे पलों की कहानी
करता ही जाता यूं मनमानी
वक्त बड़ा ही शरारती बच्चा
अपनी धुन का बिलकुल पक्का।
.
अमिता तिवारी
मौलिक व अप्रकाशित" 

Views: 435

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on May 13, 2016 at 4:29pm
आपने आप में अनूठी रचना है आपकी आद.अमिता जी बिम्ब भी बहुत बेहतरीन लिया गया है। सहृदय बधाई स्वीकार करें।
Comment by amita tiwari on May 13, 2016 at 12:59am

मिथिलेश जी आपने पढ़ा और सराहा .धन्यवाद .

जज्बात में आंधी  आती है पर वक्त ही  तो है जो घेर के लाता  है  भीतर की आंधी  बाहर की आंधी ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 11, 2016 at 2:56pm

आदरणीया अमिता जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई.

//जज्बात में घेर देता आंधी// का मतलब समझ नहीं आया.

सादर 

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
6 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
6 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
6 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
7 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
12 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service