For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हम दर्द हो कितने बड़े

हमदर्द हो कितने बड़े..
2212-2212-2212-22

हो जो सियासत प्यार में रब भूल जाता हूँ
हमदर्द हो कितने बड़े तब भूल जाता हूँ

उम्दा है जबतक एक हैं कोई न हो मजहब
मैं प्यार में रब सारे मजहब भूल जाता हूँ

समशीर हाथो से हटा सजदा किया मैंने
हाँ मातृभूमी के लिए सब भूल जाता हूँ
रणभूमि में उतरूँ जो मैं सब भूल जाता हूँ
वादी हवा में मिल रहा अब अक्स है उनका
मैंख्वार मेरा मन सब सबब भूल जाता हूँ

हाँ तू वफ़ा है जिंदगी तेरी इनायत सब
तू साँस में मेरी बसी कब भूल जाता हूँ

मौलिक /अप्रकाशित
आमोद बिंदौरी

Views: 556

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amod shrivastav (bindouri) on October 30, 2015 at 2:31pm
आ गिरिराज सर नमन आभार
Comment by amod shrivastav (bindouri) on October 30, 2015 at 2:30pm
रणभूमि में उतरूँ जो मैं सब भूल जाता हूँ

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 30, 2015 at 12:19pm

आदरणीय -

आपकी बहर  ये है -- 2212-2212-2212-22

हाँ मातृभूमी के लिए सब भूल जाता हूँ

हाँ मा तृ भू  ---2212 

मी के लि ए  2212   (   अगर मातृमूमि कहेंगे  तो यहाँ मात्रा दूसरे रुकन की - मि के लिये 1212 हो जायेगा )

सब भू  ल जा 2212

ता हूँ   22  

आदरणीय सही शब्द लिखेंगे तो आपका मिसरा बे बहर हो जायेगा , इसी लिये आपने मातृ भूमी  लिख दिया ।  जो गलत उपयोग है ।
आप गलतियाँ करते रहना चाहते हों तो आप स्वतंत्र हैं ॥

Comment by amod shrivastav (bindouri) on October 30, 2015 at 12:00pm
आ गिरिराज सर मातृभूमि लिखे या मातृभूमी दोनों दशा में मंत्रा भार वही है क्यों की ई की मन्त्र भार लघु या गुरु गिना जाता है। अभी गुरु न होने के कारण मै ठीक से कंफर्म कर के बताऊ गा वैसे गजल उच्चारण प्रधान है उस दशा में भी वह सही है। बी बांकी गुरुजन जाने
Comment by amod shrivastav (bindouri) on October 30, 2015 at 11:55am
आ गिरिराज सर ,आ पंकज भाई,आ वा मिथलेश सर ,आप सभी का तहेदिल से आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 29, 2015 at 8:52pm

आदरणीय अच्छी गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ आपको ।

मातृ भूमि को मातृभूमी करना उचित नही है , मात्रा मिलाने के लिये शब्दों की सही वर्तनी को बदना सही नही होता ॥

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on October 28, 2015 at 11:50pm
सुंदर ग़ज़ल पर बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on October 28, 2015 at 10:16pm

आदरणीय आमोद जी, इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on October 27, 2015 at 5:18pm
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर ग़ज़ल पर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"  कृपया  दूसरे बंद की अंतिम पंक्ति 'रहे एडियाँ घीस' को "करें जाप…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"पनघट छूटा गांव का, नौंक- झौंक उल्लास।पनिहारिन गाली मधुर, होली भांग झकास।। (7).....ग्राम्य जीवन की…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service