For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ख्वाब!
क्या है ये?
एक पल में राजा बना देता है
और दूसरे ही पल ..............
ज्योतिषियों के लिए तो दूर दृष्टी है
और अनाडि़यों के लिए...
फ्री का सनिमा
मेहनतकश के लिए उसकी मंजिल
हमारे और आपके लिए ..........
कभी खुद भी सोच लिया करो!
ख्वाब के रंग कई रुपो में बिखरे हैं
बच्चे, बूढे, जवान
सभी अलग-अलग रुपो में
इसका दीदार करते हैं
कोई परियों के साथ खेलता है तो
किसी को अपना भविष्य नजर आता है
और किसी को उसके परिश्रम का परिणाम
ख्वाब की भी अपनी एक अलग ही दुनिया है
कोई जागते हुए देखता है
कोई सोते हुए
सोते हुए देखे गये ख्वाब
अक्सर टूट जाया करते हैं
फिर भी कोई ग्लानि नही होती
पर, अगर जागते हुए देखे गये ख्वाब
टूट जायेें जो
तौबा-तौबा
सारा जग सूना-सूना लगने लगता है
और अगर यही ख्वाब पूरे हो जाये तो
अहाः
चारो तरफ मधूर ध्वनि सुनाई देती है
मन मयूर की तरह झूमने लगता है
देखा आपने
ख्वाब ने क्या-क्या गुल खिलाये
शायद!
आप भी ख्वाबो में डूब गयें

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 495

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 12, 2015 at 7:52pm

जरूर ख्वाब है तो आब है साब! आपसे सहमत!

Comment by Pawan Kumar on August 12, 2015 at 1:19pm

उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी व आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, हार्दिक आभार!

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 12, 2015 at 11:10am

आ. भाई पवन जी, सुन्दर भावाभिव्यक्ति हुई है.  हार्दिक बधाई.

Comment by pratibha pande on August 11, 2015 at 7:22pm
ख्वाब टूट जाएँ तो तौबा , मिल जाएँ तो अहा , खूबसूरत रचना है बधाई आपको आ० पवन जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 11, 2015 at 2:39pm

आदरणीय पवन भाई , अच्छी वैचारिक रचना हुई है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 10, 2015 at 11:03pm

आदरणीय पवन जी सुन्दर भावाभिव्यक्ति हुई है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"मिले बहुत दिन बाद, चूस कर खाने वाले, गूदे से मुँह-हाथ, गाल लिपटाने वाले,//वाह..बहुत…"
4 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति पर| देखते आमों को टकटक ..... देखते फल को…"
24 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी डरो न  मेरे  यार, नहीं   हैं  घर पर लाला। लगा सुबह से एक,…"
41 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"प्रिय गिरिराज  संशोधित रोला छंद पुनः पोस्ट कर सकते हैं ... यही नियम है  "
46 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"बौर बहुत इस साल, आम पर आया-छाया और समय पर पेड़, फलों से लद-लद आया पेड़ रहा था सोच, कि आएंगें…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर सृजन हुआ है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi shared a profile on Facebook
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुपम सृजन हुआ है sir जी 🙏"
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"अद्वितीय सृजन है आदरणीया जी 🙏"
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुपम सृजन है आदरणीय जी 🙏"
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाई , सराहना के लिए आपका आभार मैं  अति विश्वास  में नियम फिर से नहीं पढ़ा…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service