For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ बेटा!! आ गया तू.. कहाँ-कहाँ हो आया भारत भ्रमण में..?

“ माँ!! चारो दिशाओं में गया था. देखो! गंगाजी का जल भी लाया हूँ.  आप कहो तो, पिताजी लाये थे वो कलश आधा खाली है उसमे ही डाल दूँ..”

“ नहीं!!  बेटा.. रोज समाचारों में सुनती हूँ कि गंगा में स्वच्छता अभियान चल रहा है, वर्षों पहले तेरे पिता जो लाये वो तू बचा के रखना. कम से कम आगे आने वाली पीढ़ी,  पवित्र गंगाजल तो देख लेगी..”

  

    जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 885

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 26, 2015 at 8:40pm

आपकी प्रोसाहित करती सराहना हेतु आपका आत्मीय आभार,आदरणीय शिज्जू जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 26, 2015 at 8:39pm

आपका बहुत-बहुत आभार,आदरणीय अमन जी

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 26, 2015 at 11:58am

सामयिक विषय पर अच्छी लघुकथा प्रस्तुत की है आपने आदरणीय जितेन्द्र भाई बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by aman kumar on April 25, 2015 at 1:31pm

गंगा में स्वच्छता अभियान चल रहा है, के बाद पुराना जल अधिक शुद्ध क्यू माना माता जी ने ......?संसमयिक मुद्धों पीआर लिखना सदेव अच्छा होता है !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 25, 2015 at 9:53am

लघुकथा पर आपकी उपस्थिति व् सराहना हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ, आदरणीय केवल जी.

सादर!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 24, 2015 at 6:45pm

आ0 जितेंद्र भाईजी,  आत्मा को छू लेने मे रचना सफल हुई है.  हार्दिक बधाई. सादर,

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 24, 2015 at 9:53am

आदरणीय निलेश जी, आपका ह्रदय से आभार

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 24, 2015 at 9:52am

आदरणीया राजेश दीदी. लघुकथा पर आपकी  प्रोत्साहित करती सराहना सदा संबल प्रदान करती है, आपका आत्मीय आभारी हूँ

सादर!

Comment by Nilesh Shevgaonkar on April 23, 2015 at 10:49pm

निशब्द हूँ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 23, 2015 at 10:44pm

वाह वाह  फिर से एक बेहतरीन लघु कथा जिसमे एक जागृत करता सन्देश छुपा है ...बहुत बहुत बधाई जितेन्द्र भैया इस शानदार लघु कथा पर |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service