१२१२/ ११२२/ १२१२/ २२ (सभी संभव कॉम्बिनेशन्स)
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हमें न ऐसे सताओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो
ज़रा क़रीब तो आओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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अभी तो हाथ में आया है मलमली दामन
अभी न छोड़ के जाओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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न जाने कितने जनम की है तिश्नगी, आकर
लबों का जाम पिलाओ, ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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करेगा बातें ज़माने में जाने वो क्या क्या
अदू से दिल न लगाओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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जनाब आपके ज़ुल्मो की दास्ताँ है तवील
करम न अपने गिनाओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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हुज़ूर हो के ख़फ़ा आप हम से बैठे हैं,
हमीं से मान भी जाओ, ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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कभी हमें भी मिले हक़ यूँ रूठ जाने का
कभी हमें भी मनाओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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ये रात फैल गयी है हमारे अंदर भी
चराग़-ए-इल्म जलाओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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न जाने आप ग़ज़ल किस की गुनगुनाते हैं
ग़ज़ल हमारी भी गाओ ख़ुदा का ख़ौफ़ करो.
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नूर
मौलिक/ अप्रकाशित
Comment
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. धर्मेन्द्र जी
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. श्याम नारायण कि
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. समर कबीर साहब
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. सुशिल जी
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. डॉ विजय शंकर जी
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. महर्षि जी
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. श्याम जी
प्रवास में था अत: धन्यवाद ज्ञापित करने उपस्थित न हो सका
धन्यवाद आ. डॉ श्रीवास्तव साहब
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