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बहुत खूब ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, गजल पर आपको दिल से बधाई |
फिर मेरे होँठोँ की तुम मुस्कान लेकर आ गये ।
जा रही थी जिन्दगी तुम जान लेकर आ गये । shandar matla hua hai
ख्वाबोँ के उजडे शहर मेँ कोई दस्तक हो गयी ,
तुम सजाकर फिर नये अरमान लेकर आ गये । "khwab" ke ,ujde shahar me , koi dastak ho gayi ....karke de lijye ....yadi uchit lage
मेरी किस्मत ने दिखाई और ही तस्वीर थी ,
जिन्दगी की तुम अलग पहचान लेकर आ गये । bahut khoob sher
प्यार ,खुशबू ,सादगी ,अहसास ,नग्मा ,आरजू ,
दिल मेँ तुम कितने हँसी मेहमान लेकर आ गये । wah wah wah wah bas ....wah kitni tarif ki jaye kab hogi ....mujhe bahut bhaya .
सुन्दर रचना क लिए हार्दिक बधाई नीरज मिश्र जी !!
neeraj bhayee
मैं आपके गजल से बहत प्रभावित हुआ i क्या बात है i हर अशआर पुरअसर i
प्यार खुशबू सादगी अहसास नग्मा आरजू ,
दिल मेँ तुम कितने हँसी मेहमान लेकर आ गये ।बहुत सुन्दर वाह वाह वाह
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