For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उत्सव [दोहावली]

उत्सव लाये हैं ख़ुशी,खूब सजे बाजार
साथ मिठाई के सजे,भिन्न भिन्न उपहार |


रंग रूप लेकर नए ,चमक उठे सब गेह
उत्सव हैं सब गर्व के ,बाँटे खुशियाँ नेह |


उत्सव धनतेरस हुआ,त्रयोदशी के वार
नूतन बर्तन हैं सजे ,और स्वर्ण बाजार |


छोटी दीवाली जले,यम दीपक हर द्वार
मुक्त हुईं कन्या सभी,नरकासुर को मार |


उत्सव दीपों का सभी,मनाते संग प्यार
सबको बाँटे रोशनी ,दीवाली त्यौहार |


अन्नकूट उत्सव रचा, दीवाली पश्चात
भोग लगा खायें सभी ,संग कढ़ी के भात |


शुक्ल पक्ष की दूज है, बाँटे पावन प्यार
उत्सव भाईदूज का, बहना करे दुलार |


उत्सव भारत देश के, बाँटें केवल प्रीत
झूम झूम नाचो सभी,गाओ उत्सव गीत |

मौलिक व अप्रकाशित..............

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 22, 2014 at 12:39pm

दीपो के त्यौहार पर, दोहों का उपहार,

सरिता जी दोहे रचे, लगते सदा बहार |

सुंदर दोहों के लिए बधाई आद सरिता भाटिया जी |  "मनाते संग प्यार" -  इसे - "संग मनाते प्यार" या "करते सबसे प्यार"

किया जा सकता है |  दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 20, 2014 at 4:14pm

आदरणीया

बहुत अच्छे  दोहे है i मानते संग प्यार में-------- 3 +3 +2+3  यी 4+4+ 3  मात्रा  क्रम का निर्वाह नही  हुआ है i


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 20, 2014 at 2:08pm

दीवाली के पूर्व ही दीवाली की याद 
सरिताजी करने लगीं, उत्सव से संवाद..

जगमगाते दोहों के लिए बहुत-बहुत बधाइयाँ आदरणीया सरिताजी.

उत्सव दीपों का सभी,मनाते संग प्यार  - इस पद का संयोजन कृपया पुनः देख लें.
शुभेच्छाएँ

Comment by Sarita Bhatia on October 20, 2014 at 10:36am

आदरणीय सोमेश कुमार जी हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on October 20, 2014 at 10:36am

शुक्रिया शिज्जु भाई ,मार्गदर्शन बनाये रखें |

Comment by somesh kumar on October 19, 2014 at 10:46pm

दीपावली दिल से 

दिवाली और इसके साथ आने वाले विभिन्न पर्वों की सुंदर दीपमाला को बहुत सुंदर दोहों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रकाशमय बधाईयाँ|


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 10:37pm

आदरणीय सरिता जी दीपों के त्यौहार दीपावली एवं नवरात्रि के उत्सव का खूबसूरत वर्णन किया है आपने बहुत बहुत बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service