For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चलो कि ज़िन्दगी को दें हम एक नाम नया -ग़ज़ल

1212 1122 1212 112/22

सफर ये राहगुज़र और ये मुकाम नया

हयात देती है अक्सर मुझे यूँ काम नया

 

अगर नसीब से बच पाये तो गनीमत है

यहाँ हर एक कदम पर है एक दाम नया         (दाम=जाल)

 

न जी सके अभी तक चलिये कोई बात नहीं                                               

करें अब के कोई जीने का एहतमाम नया

 

ये ज़िन्दगी हो फ़ना रोज़ और रोज़ शुरू

ग़ुरूबे शम्स हो तो चाँद निकले शाम नया

 

बहुत हुये गमे दौराँ की नज्मे ये शिकवे

चलो कहें कि मसर्रत का इक कलाम नया

 

ग़ुज़रते वक्त से चुनकर कोई पल ऐ हमराह

चलो कि ज़िन्दगी को दें हम एक नाम नया

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 667

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:04pm

आदरणीय खुर्शीद जी आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:04pm

आदरणीय राम शिरोमणी जी आपको देख कर बहुत अच्छा लग रहा है बहुत बहुत शुक्रिया रचना की सराहना के लिये


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:03pm

आदरणीय जितेन्द्र जी आपका हार्दिक आभार रचना पर आपकी उपस्थिति हमेशा हौसला बढ़ाती है स्नेह यूँ ही बनाये रखें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:02pm

आदरणीय सोमेश जी रचना को समय देने के लिये आपका हार्दिक आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:01pm

आदरणीय केवल प्रसाद सर आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:01pm

आदरणीय सुशील सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by khursheed khairadi on October 13, 2014 at 10:38pm

अगर नसीब से बच पाये तो गनीमत है

यहाँ हर एक कदम पर है एक दाम नया  

आदरणीय शकूर साहब ,अच्छी ग़ज़ल हुई है ,दिली दाद कबूल फरमाएं 

Comment by ram shiromani pathak on October 13, 2014 at 9:16pm
वाह वाह वाह दिल खुश कर दिया आपने।। बहुत बधाई आपको
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 12, 2014 at 11:44pm

न जी सके अभी तक चलिये कोई बात नहीं                                               

करें अब के कोई जीने का एहतमाम नया........वाह! बहुत खूब. विशेष रूप से बधाई आदरणीय शिज्जू जी

 

Comment by somesh kumar on October 12, 2014 at 6:35pm

अच्छी गज़ल के लिए बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
19 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
19 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service