For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता (कल्पना मिश्रा बाजपेई)

बाबुल,मेरा मन आज भयो जैसे पाखी

जो मैं होती बाबा तेरे घर गौरैया

नित आंगन तेरे आती

जो मैं होती बाबा तेरी खरक की गैया 

नित खरक में दर्शन तेरे पाती

जो मैं होती बाबा तेरे द्वार निमरिया

नित शीतल छाँव बिछाती

जो मैं होती बाबा तेरे सिर का साफा

नित धूप से तुम्हें बचाती

जो मैं बाबा शगुन चिरैया

नित मीठे गीत सुनाती

मेरा मन आज भयो जैसे पाखी

मैं तो भई बाबा बेमन बिटिया

दूर देश जाके ब्याही 

मन ही मन उकलाती

नित अखियन नीर बहाती

मेरो मन आज भयो जैसे पाखी

कल्पना मिश्रा बाजपेई

(मौलिक और अप्रकाशित) 

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kalpna mishra bajpai on February 23, 2014 at 10:14am

आप सब गुणी जनों की हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया ........।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 5, 2014 at 5:07pm

बिटिया चिरैया सी दूर देश जा...बाबा के आँगन को स्वप्न में ही अपना पाती है 

सुन्दर मर्मस्पर्शी भाव रचना के 

हार्दिक बधाई 

Comment by अनिल कुमार 'अलीन' on February 5, 2014 at 9:24am

भावनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति.....................

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 11:28pm

बेटी की भावनाओं को बहुत सुन्दरता से संजोया है आपने, हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 4, 2014 at 6:46pm

आदरणीया कल्पना जी , एक बेटी जी आंतरिक भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति हुई , आपको बधाई ॥

Comment by kalpna mishra bajpai on February 4, 2014 at 1:59pm
आप सब का बहुत-बहुत आभार।
Comment by Anita Maurya on February 4, 2014 at 1:19pm

बहुत ही सुन्दर रचना कल्पना जी , आँखें नम हो गयीं।  

Comment by Meena Pathak on February 4, 2014 at 1:09pm

कल्पना जी आप की रचना पढ़ कर मन और आँखे दोनों भीग गयीं , बहुत बहुत बधाई और तहेदिल से स्वागत 

Comment by अनिल कुमार 'अलीन' on February 4, 2014 at 11:45am

एक बेटी की भावनाओ की सुन्दर, सहज एवं सरल अभिव्यक्ति ................बहुत ही अच्छा लगा................

Comment by coontee mukerji on February 4, 2014 at 3:06am

कल्पना जी....आपका स्वागत है. बहुत  सुंदर रचना है. हार्दिक बधाई. सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।छंदों पर उपस्थिति उत्तसाहवर्धन और सुझाव के लिए आभार। प्रयास रहेगा कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह वाह ..  दूसरा प्रयास है ये, बढिया अभ्यास है ये, बिम्ब और साधना का सुन्दर बहाव…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रभाजी हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service