For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

योगी श्री अरविन्द/सॉनेट

सादर वन्दे वन्दनीय सुधी वृन्द।

महानुभावों सर्वज्ञात है, गत 5 दिसम्बर को महर्षि अरविन्द का निर्वाण दिवस था। आपका साहित्य(सावित्री अभी छू भी नहींसकी),मेरे हृदय को बहुत सहलाता है।यद्यपि  इस महान दार्शनिक,कवि और योगी के साहित्य की अध्यात्मिक ऊंचाई के दर्शन करने में भी समर्थ नहीं हूँ फिर भी सूरज को दिया दिखाने जैसा कार्य किया है,जो आपको निवेदित है।सादर निवेदन है कि मुझे जरुर अवगत कराएँ की मेरी समझ कहाँ तक सफल हो पाई है।

सांसे इक अद्भुत लय धारा में बहती हैं;

मम सर्वांगों में इसने दैवी शक्ति भरी:

पिया अनन्त रस,जस दैत्य की सुरा आसुरी।

काल हमारा नाटक या स्वप्न बराती है।

आनन्द से हर अंश मेरा अप्लावित है

अब रुख बदला पुलकित,विघटित भाव तन्तु का

हुआ अमूल्य,स्वच्छ हर्षोल्लासित पथ का

जो त्वरित आगमन सर्वोच्च अगोचर का है।

मैं रहा नहीं और,इस शरीर के अधीन,

प्रकृति का अनुचर,उसके शांत नियम का;

नहीं रही मुझमें इच्छाओं की तंग फँसन।

मुक्त आत्मा,असीम दृश्य का तदरूप हुआ

ईश का सजीव सुखद यंत्र यह मेद मेरा,

चिर प्रकाश का भव्य सूर्य यह जीव हुआ।

('Transformation' नामक कविता का अनुवाद,जो श्री अरविन्द ने आध्यात्मिता से आए परिवर्तन को वर्णित करते हुए लिखी थी)

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 880

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Vindu Babu on December 14, 2013 at 2:35pm

आदरणीया कुंती महोदया मुझे जानकर बहुत अच्छा लगा कि महर्षि जी का दर्शन आपके इतने करीब  है।

आदरणीया मुझे जो भी साहित्य अधिक प्रभावित करता है वो मैं अपनी माँ के लिए अनुवादित करती हूँ,यदि वह साधारण अंग्रेजी में होता है तो।यह कुछ सुनियोजित हुआ सो साझा कर लिया।

आपका स्नेह मिला,सच में गदगद हूँ आदरणीया।

सादर

Comment by Vindu Babu on December 14, 2013 at 2:25pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी प्रयास सार्थक हुआ।

सादर आभार आपका।

Comment by Vindu Babu on December 14, 2013 at 2:21pm

जी जी आदरणीय राजेश मृदु जी,यही है।

आपके अध्ययन को प्रणाम है।

आपकी प्रतिक्रया का बहुत सम्मान करते हुए स्वागत करती हूँ।

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।

सादर

Comment by Vindu Babu on December 14, 2013 at 2:15pm

आदरणीय नारायण श्रीवास्तव जी इसे भावानुवाद ही कहेंगे!

प्रयास को आपकी सराहना मिली,प्रयास सार्थक हुई।

आपको हार्दिकधन्यवाद आदरणीय।

सादर

Comment by annapurna bajpai on December 12, 2013 at 9:20pm

सुंदर , अति सुंदर प्रिय वंदना । सराहनीय प्रयास के लिए हार्दिक बधाई संप्रेषित है । 

Comment by vijay nikore on December 12, 2013 at 4:26am

आदरणीया विन्दु जी:

 

इस प्रकार की कविता का अनुवाद करना अति कठिन  है। अनुवाद में भाव सहज बहने लगें, और मनन के लिए प्रेरित करें ... इसमें आप पूर्णता सफ़ल हुई हैं। आपको बधाई।

 

सादर,

विजय

Comment by coontee mukerji on December 11, 2013 at 5:11pm

बहुत सुंदर अनुवाद किया है वंदना जी. इंडिया में जो मैं पहली हिंदी किताब खरीदी थी वह श्री अरवींद जी की जीवन दर्शन थी. मैं नित्य उसकी एक एक पंक्ति पढ़ती हूँ और उसपर मनन करती हूँ. मन बहुत प्रकाशित होता है. सकारात्मक सोच जीवन को उत्प्रेरक  बनाता है.आपने जो प्रयास किया है वह अवश्य ही साराहनीय है जो आपकी अच्छी शिक्षा का द्योतक है.

सादर

कुंती


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 11, 2013 at 5:02pm

आदरणीया , मैने ये कविता नही पढ़ी है , पर अनुवाद के भाव बहुत अच्छे लगे , आपको बधाई !!!!

Comment by राजेश 'मृदु' on December 11, 2013 at 3:54pm

आपको इस सदप्रयास पर हार्दिक बधाई, मैंने ये कविता पढ़ी है उसका अंग्रेजी लेख कुछ इस प्रकार है, गर गलती हो तो बताएं

My breath runs in a subtle rhythmic stream;
It fills my members with a might divine:
I have drunk the Infinite like a giant’s wine.
Time is my drama or my pageant dream.
Now are my illumined cells joy’s flaming scheme
And changed my thrilled and branching nerves to fine
Channels of rapture opal and hyaline
For the influx of the Unknown and the Supreme.

I am no more a vassal of flesh,
A slave to Nature and her leaden rule;
I am caught no more in the senses’ narrow mesh.
My soul unhorizoned widens to measureless sight,
My body is God’s happy living tool,
My spirit a vast sun of deathless light.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 11, 2013 at 3:16pm

वंदना जी

शब्दानुवाद/भावानुवाद /छायानुवाद  जो भी है  मन को छूता है  i

अरविन्द जी का दर्शन ---  शब्दातीत  i

आपको ढेर सी बधाइयाँ  i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
9 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
21 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service