1222 1222 1222 1222
कभी फूलों मे कलियों में, कभी झरनों के पानी में
मुझे महसूस तू होता, हवाओं की रवानी में
कभी बेकस की आहों में ,निगाहे बेबसी में भी
कभी खोजा किया तुझको, किसी गमगीं कहानी में
मुदावा मेरी लग्ज़िश का, मेरी कोशिश का तू हासिल
मेरी मुस्कान में तू है, तू है दर्दे निहानी में
खयालों मे तेरा कब्ज़ा, मेरी अनुभूति में तारी
मेरी हर गुफ़्तगू तुझसे, तू मेरी बेज़ुबानी में
तू पोशीदा, अयाँ भी तू ,दुआ भी तू, करम भी तू
तू रूहानी अक़ीदत है ,मेरी इस ज़िन्दगानी में
तू हाज़िर है, जो हर लम्हा खुली या बन्द आँखें हो
मै खुशियाँ ढूँढ लूंगा अब, बलाये आसमानी में
******************************************************************************
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय सुशील भाई , गज़ल की सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार !!!!!!
बहुत सुंदर गज़ल कही है आ0 गिरिराज जी... बहुत बहुत बधाई हो इस प्रस्तुति के लिए....
आदरणीय विजय मिश्र भाई , गज़ल पर आपका आना और ऐसा उत्साह वर्धन करना , सच ! मेरे लिये बहुत बड़ी खुशी का कारण है !
!!!!उत्साह वर्धन के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया !!!!!!
आदरणीय राम शिरोमणी भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार !!!!!!
आदरणीय जितेन्द्र भाई, गज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ !!!!
खयालों मे तेरा कब्ज़ा, मेरी अनुभूति में तारी
मेरी हर गुफ़्तगू तुझसे, तू मेरी बेज़ुबानी में///वाह
आदरणीय गिरिराज जी ,इस बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई///सादर
आदरणीय गिरिराज जी, खुबसूरत गजल पर , बधाई स्वीकारें
आदरणीय बड़े भाई विजय जी , गज़ल को अपना आशीर्वाद देने ने लिये आपका तहे दिल के शुक्रिया !!!!
आदरणीया वन्दना जी, गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार !!!!!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online