For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेटी सुहाती मोहे, जस हो चंदन भाल ।
पाकर बेटी तुझे मै, हो गया हूं निहाल ।।
हो गया हूं निहाल, परी सी पंख लगाऊ ।
शिक्षा व संस्कार दे, सारा गगन घूमाऊ ।
तू करना सब काम, जग में हो मेरा नाम।
दुनिया कहे ऐसा, बेटा बन गया बेटी ।।

.............................................
मौलिक अप्रकाशित

Views: 436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 17, 2013 at 1:14am

सुधीजनों की सलाहों और उनके विधानजन्य मंतव्यों पर अवश्य ध्यान दें, भाईजी.

आप छंदों पर काम कररहे हैं यह कम श्लाघनीय नहीं है.

शुभेच्छाएँ.

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 11, 2013 at 3:04pm

aadarneey ramesh jee ..mujhe shilp kee jaankaaree nahee hai ..bhav paksh mujhe bahut bhaya ...saadar badhaaayee ke sath 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 9, 2013 at 1:56pm

आदरणीय रमेश भाई , बहुत सुन्दर भाव , लिये कुंडलिया के प्रयास के लिये आपको बधाई !!!!

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 9, 2013 at 1:26pm

आदरणीय रमेश जी आपकी कुण्डलिया ने निराश किया भाई जी आपने पहले भी कुण्डलिया छंद लिखा है और इससे कहीं बेहतर लिखा है इतनी जल्दबाजी क्यूँ भाई इतने सुन्दर भाव हैं किन्तु शिल्पगत त्त्रुटियों ने भाव को खा लिया. कृपया ओबीबो में समूह का अनुसरण करें.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 9, 2013 at 10:43am

पंख लगे जब भाव को, छंद ज्ञान हो माथ

ओबीओ में सीख ले, मिलता सबका साथ |----

भाई शुशील जोशी जी की सलाह पर गौर करे  | रचना के भाव के लिए बधाई  

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 6:40am

भाव बहुत खूबसूरत हैं आदरणीय रमेश जी... लेकिन शिल्प में अनेक त्रुटियाँ हैं.... इसकी प्रथम दोनों पंक्तियों यानि दोहे के विषम चरणों के अंत में दो गुरु ठीक प्रतीत नहीं होते.... इसी प्रकार से इसके रोला भाग में भी दोष हैं... आप कुण्डलिया छंद की जानकारी इसी फोरम के समूह शीर्षक में ले सकते हैं.... बधाई इस रचना के लिए....

Comment by Abhinav Arun on October 9, 2013 at 5:15am

अच्छी रचना सन्देश परक आपकी कलम को नमन है साधुवाद !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
20 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service