For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! हर काम-दिशा रति पावन हो !!!

!!! हर काम-दिशा रति पावन हो !!!
दुर्मिल सवैया छन्द आठ सगण यथा-112 आठ पुनरावृतित

// 1 //

हर मां जगती तल शीतल सी, नव जीवन दायक है जर* मां।..........*धन अर्थात लक्ष्मी
जर मां सब ध्यान धरे उर में, दर रोशन, बाहर है गर मां।।
गर मां नव दीप जले सुखदा, सुख बांट रहूं सुख को वर मां।
वर मां मुझको शिशु कृष्ण कहो, तम नष्ट करूं वर दे हर मां।।


// 2 //

समिधा सम दुर्गति नष्ट करें, सत पुष्ट करें अति पावन हो।
मन उज्वल हो कर दान सधे, तपनिष्ठ रहें मति पावन हो।।
अति दीन मलीन कुलीन बनें, सुविचार दया गति पावन हो।
नर-नारि सदा सम ज्ञान रहें, हर काम-दिशा रति पावन हो।।

के0पी0सत्यममौलिक व अप्रकाशित

Views: 1029

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 8:02pm

आदरणीय अरून अनन्त जी   आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही बना रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 8:01pm

आदरणीय   गणेशजी सर जी   आपके स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही बना रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 8:00pm

आदरणीय विजय निकोर सर जी   आपके स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही बना रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:56pm

आदरणीय सौरभ सर जी   आपके स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही बना रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:54pm

आदरणीय जितेन्द्र भार्इ जी   आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही मिलता रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:52pm

आदरणीय  अनुराग भार्इ जी   आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही मिलता रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:42pm

आदरणीय गीतिका जी, आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। आपका स्नेह बस यूं ही मिलता रहे। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:41pm

आदरणीय लड़ीवाला सर जी,   आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही मिलता रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:41pm

आदरणीय लड़ीवाला सर जी,   आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  आपका स्नेह बस यूं ही मिलता रहे।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 8, 2013 at 7:38pm

आदरणीय भण्डारी भार्इ जी,

//धर ज्ञान कमान तुणीर सदा, हिय कोमल स्पंदन प्रिय सा।
जग बंदन मान समान फले, अभिनन्दन नन्द कुमार नशा।।//

--------------------------------आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। आपका स्नेह बस यूं ही मिलता रहे। सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
3 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service