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चरित्रहीन (लघु कथा)

आपका बेटा कहाँ है , हम उसे गिरफ्तार करने आये है .. अचानक पुलिस को देख कर माँ बाप घबरा गए,... मगर हमारे बेटे ने क्या किया है ????  ११ में पढ़ता है बहुत सीधा है .. जी आपके सीधे बेटे ने इक लड़की का रेप किया है .. कुछ ज्यदा ही सीधा है ... इतना कह कर पुलिस उसे अपने साथ ले गयी .. माँ बाप मानने को तैयार ही नहीं थे जरुर वो  लड़की ही बदचलन होगी ... उसने ही फँसाया होगा मेरे भोले भाले बेटे को .. चलो जी अभी बेटे को वापस ले के आयेगे .. पुलिस स्टेशन पर उस लड़की के माँ बाप रो रहे थे | तभी लड़की की माँ उन पर चिल्लाने लगी , अपनी बेटी को संभालते मेरे सीधे बेटे पे इलजाम लगा रही है .. वही चरित्रहीन होगी .. तभी लड़की की माँ रोते रोते हुए बोली -हाँ हाँ मेरी ४ साल की बेटी चरित्रहीन हीं थी जो अभी ठीक से बोलना भी नहीं जानती थी .. जिसे माँ बाप के सिवा ओर कोई रिश्ते मालूम नहीं थे .... जो अभी घर से निकली ही थी, ओर अब इस दुनिया से भी चली गयी .. सच में बहनजी आप का बेटा बहुत सीधा है... इतना कह कर वो बेहोश हो गयी .. लड़के के माँ बाप पसीने से तर शर्मिंदा से खड़े कुछ कहने लायक न रहे ........

मौलिक और अप्रकाशित 

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 3, 2013 at 7:50pm

हैवानियत की पराकाष्ठा दर्शाती सुन्दर लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया रौशनी जी 

Comment by Shubhranshu Pandey on September 3, 2013 at 6:24pm

आदरणीया रोशनी जी, एक एक शब्द पिघलते हुये सीसे कि तरह सीधे अंतःकरण में उतरता गया........

आज की एक विद्रुप सच्चाई जिसे हर दिन अलग अलग जगहों और रूप में देखना और सुनना पड़ता है, डा जैकल ऎण्ड मि. हाइड आज हर जगह मौजुद होने लगे हैं. हर व्यक्ति का दो चेहरा देखने को मिलता है.बच्चे घर और बाहर में अलग अलग चेहरे को दिखाने लगे हैं. 

सबसे बडी़ बात जो इस कहानी में खुल के आयी है वो है बच्चों का समय से पूर्व वयस्क बन जाना. बचपन और यौवन, वयस्कता के लबादे तले दम घुटता हुआ दम तोड़ रहा है.आधुनिकता का ये भी एक साइड इफ़्फ़ेक्ट है.......

शायद.......

सादर.

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 3, 2013 at 6:22pm

आदरणीय रोशनी जी , आज के समाज को आइना दिखाती कथा ज़रूर लघु है पर बात बडी कह रही है , समस्या गम्भीर है !! लघुकथाके लिये बधाई !!

Comment by annapurna bajpai on September 3, 2013 at 6:21pm

आ० प्राची जी की बात से मै भी पूरा इत्तेफाक रखती हुए यही कहूंगी कि वास्तव मे गैरजिम्मेदारना परवरिश  ही इन सबके लिए जिम्मेदार है । कटु सच्चाई को बयान करने के लिए आपको शुभकामनायें । 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 3, 2013 at 5:26pm

उफ्फ !!! 

ये समाज में व्याप्त हैवानियत.

स्कूली छात्रों के इस तरह के यौनाचारों में लिप्त होने की बढ़ती घटनाएं.. और बलि चढती नन्ही मासूम बच्चियाँ... 

मानवीय नैतिक मूल्यों का ह्रास, गैरजिम्मेदाराना परवरिश और मीडिया का भ्रमित करता र्भौंडापन सभी जिम्मेदार होते हैं ऐसी कुत्सित  मानसिकता को जन्म देने के 

आज की जलती चुभती सच्चाई को प्रस्तुत करती मर्मस्पर्शी लघुकथा ..

शुभकामनाएँ 

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