For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : त्रिया चरित्र (गणेश जी बागी)

ये साहब बहुत ही कड़क और अत्यंत नियमपसंद स्वाभाव के थे ।  कई दिन रेखा देवी की हाजिरी कट गई |  फटकार लगी सो अलग ।

उस दिन साहब के चैम्बर से तेज आवाज़ें आ रही थीं । रेखा देवी चीखे जा रही थीं, "ये साहब मेरी इज़्ज़त पर हाथ डाल रहा है.."
सब देख रहे थे, ब्लाउज फटा हुआ था । साहब भी भौचक थे । उनकी साहबगिरी और बोलती दोनो बंद थी |


साहब संयत हुए और बोले, "जाओ रेखा देवी.. जब आना हो कार्यालय आना और जब जाना हो जाना, आज से मैं तुम्हें कुछ नही कहनेवाला । वेतन भी पहले जैसा समय से मिलता रहेगा ।.."
मामला सुलझ गया था । रेखा देवी जीत के भाव के साथ चैम्बर से बाहर निकल रही थीं |

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 3061

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:49am

आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार ।  


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:48am

आदरणीया शुभ्रा शर्मा जी, सराहना एवं उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार । 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:26am

लघुकथा को सराहने हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय राजेश कुमार झा जी, मुझे यह शीर्षक उचित लगा था, अन्य सदस्यगण भी स्वीकार किये हैं । 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:23am

बहुत बहुत आभार आदरणीय केवल प्रसाद जी । 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:20am

सराहना हेतु अतिशय आभार आदरणीय जीतेन्द्र जी । 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:19am

बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश जी, लघुकथा आप तक पहुँच सकी लेखन कर्म सार्थक हुआ । 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:18am

प्रिय वीनस भाई, प्रतिक्रिया हेतु आभार ।  


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 5, 2013 at 11:14am

आदरणीय दीपक भाई साहब, सराहना हेतु आभार । 

Comment by mrs manjari pandey on September 3, 2013 at 9:35pm

         

        आदरणीय बागी जी बहुत सामयिक परिस्तिथि रखी आपने !ऐसी त्रियाओं से ही विश्वास दरकने लगा है  !

Comment by Shubhranshu Pandey on September 3, 2013 at 6:56pm

त्रिया चरित्रम् पुरुषस्य भाग्यम्, दैवो न जानति कुतो मनुष्यः !

इस श्लोक का अर्थ एक बच्चे ने कुछ इस तरह किया था...औरतों का चरित्र और पुरुष का भाग्य देव भी नहीं जान सकता है, मनुष्य तो कुत्ता है.......हा...हा..हा...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
22 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service