For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नींद गवांई,सुख चैन गवांया

जीवन की आपा -धापी में 

अगर-मगर तेरी-मेरी में

समय गवांया ,बातों में 

धन दौलत ने लोभी बनाया 

ईमान गवांया नोटों में 

पूत सपूत न बन पाया 

बस ध्यान लगाया माया में

दीन दुखियों की सेवा करता

पुण्य कमाता लाखों में 

करता अच्छे कर्म अगर तो 

तर जाता भाव सागर से

ईमान धर्म की राह पे चलकर

करता पग के कांटें दूर

वैतरणी भी पार कर जाता

जन्म-मरण से जाता छूट   

(मौलिक व अप्रकाशित)

आरती शर्मा 

Views: 718

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on August 11, 2016 at 10:58am

धर्म की राह सुख की राह 

Comment by Aarti Sharma on July 16, 2013 at 11:30am

आपका तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय विजय जी...सादर 

Comment by vijay nikore on July 13, 2013 at 10:53am

सत्य को अच्छा दर्शाया है, आदरणीया। बधाई।

सादर,

विजय निकोर

Comment by Aarti Sharma on July 11, 2013 at 8:56pm

आपका तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय  Shijju S जी ..आभार

Comment by Aarti Sharma on July 11, 2013 at 8:53pm

रचना सराहने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद  आदरणीय राजेश जी,,अपनी कमियों को दूर करने क लिए प्रयत्नशील रहूंगी..आभार 

Comment by Aarti Sharma on July 11, 2013 at 8:50pm

आपके सराहनीय कमेंट से मेरा उत्साह और अधिक बड जाता है.अपना स्नेह एवं आशीर्वाद इसी तरह बनाये रखियेगा  ..आपका तहेदिल से धन्यवाद...आदरणीय लक्ष्मण सर..

Comment by Aarti Sharma on July 11, 2013 at 8:46pm

इस अमूल्य सुझाव के लिया आपका कोटि कोटि धन्यवाद प्रिय प्राची जी ..आभार


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 11, 2013 at 6:58pm

आ० आरती शर्मा जी 

एक लंबे समय से आपकी रचनाओं की अंतर्धारा को देख रही हूँ... 

सात्विक सत्य बोध के बेहद करीब से गुजरती रचनाएँ होती हैं...पर अभिव्यक्ति प्रवाह और प्रस्तुतिकरण के लिहाज से बहुत कमज़ोर रह जाती हैं..

और रचनाएँ भी पढ़ें , स्वाध्याय ही कई बार अपेक्षित अवयवों को सुझाता है और रचनाकर्म को परिष्कृत करने का साधन भी बनता है.

इस प्रस्तुति पर सादर बधाई 

शुभेच्छाएँ

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 11, 2013 at 6:55pm

सुन्दर गीत रचना जो अंत में आदर्श भाव के साथ धर्म की राह समझाती समाप्त होती है | हार्दिक बधाई आदरणीय आरती शर्मा  जी 

Comment by राजेश 'मृदु' on July 11, 2013 at 4:32pm

किसी गीत की तरह लग रही है यह रचना पर कई जगह प्रवाह खटकता रहा, हो सकता है मैं इसे गीत की तरह पढ़ रहा हूं । आपके भाव अच्‍छे है, सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"चूंकि मुहतरम समर कबीर साहिब और अन्य सम्मानित गुणीजनों ने ग़ज़ल में शिल्पबद्ध त्रुटियों की ओर मेरा…"
18 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)

1222 - 1222 - 1222 - 1222ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ कि वो इस्लाह कर जातेवगर्ना आजकल रुकते नहीं हैं बस…See More
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
18 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"आदरणीय समर कबीर जी को जन्म दिवस की हार्दिक बधाई और हार्दिक शुभकामनाऐं "
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"उस्ताद-ए-मुहतरम समर कबीर साहिब को ज़िन्दगी का एक और नया साल बहुत मुबारक हो, इस मौक़े पर अपनी एक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"आ. भाई समर जी को जन्म दिन की असीम हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाई।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"ओ बी ओ पर तरही मुशायरा के संचालक एवं उस्ताद शायर आदरणीय समर कबीर साहब को जीवन के अड़सठ वें वर्ष में…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा त्रयी .....वेदना
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Friday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . असली - नकली
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा त्रयी .....वेदना
"आ. भाई सुशील जी, सादर आभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . असली - नकली
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Friday
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post दिल चुरा लिया
"   आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत ग़ज़ल प्रयास की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Wednesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service