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!!! सत्यम शिवम सुन्दरम !!!

हे शिव जय शिव, हर शिव कर शिव।
जल शिव नभ शिव, थल शिव नर शिव।।
अनल शमन शिव, भवम शवम शिव।
ज्योतिर्मय शिव, तिमिर जगत शिव।।
अखिल पवन शिव, धवल चन्द्र शिव।
महिमा शिव शिव, गरिमा शिव शिव।।
महा समर शिव, अजर अमर शिव।
कन कन शिव शिव, आत्मा शिव शिव।।
मसान घर शिव, मन्दिर हिम शिव।
हरिजन शिव शिव, हरि भज शिव शिव।।
सकल जगत शिव, समरथ है शिव।
मैं भी शिव शिव, तू भी शिव शिव।।
भजन सुजन शिव, भगत भुतन शिव।
कह जन शिव शिव, सुन जन शिव शिव।।
राम रमा शिव, राधा प्रिय शिव।
वेदहि शिव शिव, पुरान शिव शिव।।
उमा सहित शिव, विशुनु भजे शिव।
रावन शिव शिव, सुरगन शिव शिव।।
असुर भजे शिव, विबुध भजे शिव।
जड़वत शिव शिव, चेतन शिव शिव।।
अनत नाम शिव, अन्त आदि शिव।
बाहर शिव शिव, अन्तर शिव शिव।।
शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।
शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।


के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 15, 2013 at 4:33pm

शिव शिव 

प्रसाद जी 

शिव शिव 

शिव 

Comment by ram shiromani pathak on April 15, 2013 at 3:04pm

आदरणीय केवल भाई जी पूरा वातावरण शिवमय कर दिया आपने /// शिव मेरे इष्ट देव है  तो प्रसन्नता दोगुनी /

हार्दिक बधाई शिव शिव  

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 15, 2013 at 1:55pm

जै हो भोले बाबा की आदरणीय केवल जी
सादर बधाई इस शिव मय रचना हेतु
जहाँ शिव है वहाँ ही सत्य है
जय हो

Comment by वेदिका on April 15, 2013 at 12:26pm
अद्भुत शिवमय रचना ........ शुभकामनाएँ स्वीकारें आदरणीय केवल प्रसाद जी!
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 15, 2013 at 11:18am

शिव महिमा का सुन्दर बखान- बधाई केवल प्रसाद जी, देखे -

कविता में भी शिव रहे, शिव का ही कर  भान

शब्द शब्द में शिव भरे, हर अक्षर का समान |

सकल पदारथ शिव समझ, शिव जगत में व्याप्त  

शिव बिना नहीं श्रष्टि रचना, शम्भू ही है तात | -  - लक्ष्मण  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 15, 2013 at 11:04am

जय जय  शिव जय जय शिव ,सुन्दर स्तुति ,केवल प्रसाद जी अच्छा होता यह रचना आप धार्मिक समूह में पोस्ट  करते । हार्दिक बधाई आपको |

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