For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुझ पर एक एहसान करो

 

मुझ पर एक एहसान करो

ढंग से अपना कर्म करो

अलख ज्योति जला के हृदय

नवीन युग का निर्माण करो

मुझ पर एक एहसान करो

 

आँधियों को भी चलने दो

जख्मो को भी बनने दो            

जूझते रहो हर समस्या से

जब तक ना इसका

समूल विनाश करो

मुझ पर एक एहसान करो

 

निपुण स्वयं को इतना करो

कथन करनी में भेद ना हो

स्र्मृति चिन्ह बने तेरे कदम

आयाम ऐसे खड़े करो

मुझ पर एक एहसान करो

 

बहुमूल्य ये जीवन है

बड़े पुण्यों का है सरगम

कृत्य ऐसे करते चलो

मानव धर्म पर बढ़ते चलो

मुझ पर एक एहसान करो

 

संकल्प ऐसे हृदय धरो

सामाजिक बुराइयों का अंत करो

समर्पित धरती माँ को जीवन कर

अपने दायित्व की पूर्ति करो

मुझ पर ये एहसान करो

Views: 503

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PHOOL SINGH on August 28, 2012 at 12:32pm

दीपक शर्मा   जी  नमस्कार

आपका मेरे ब्लॉग सुस्वागत ...........ये मेरा सौभाग्य की मेरी रचना आपको अच्छी लगी ............इसके लिए आपको सहृदय से धन्यवाद

फूल सिंह

Comment by PHOOL SINGH on August 28, 2012 at 12:31pm

अशोक  जी  नमस्कार

आपका मेरे ब्लॉग सुस्वागत ...........ये मेरा सौभाग्य की मेरी रचना आपको अच्छी लगी ............इसके लिए आपको सहृदय से धन्यवाद

फूल सिंह

Comment by PHOOL SINGH on August 28, 2012 at 12:31pm

 नवल किशोर जी नमस्कार आपका मेरे ब्लॉग सुस्वागत ...........ये मेरा सौभाग्य की मेरी रचना आपको अच्छी लगी ............इसके लिए आपको सहृदय से धन्यवाद फूल सिंह

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 24, 2012 at 11:03pm

आदरणीय

               सादर,

मुझ पर एक एहसान करो

मन  से अपना काम करो

अलख  जला इस हृदय में

नवीन युग का निर्माण करो

मुझ पर एक एहसान करो.......

थोड़े सुधार से गेयता और भी अच्छी बनेगी. विकासशील विचारों के लिए हार्दिक बधाई.

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on August 23, 2012 at 2:14pm

CONGRATULATION.....PHOOL SINGH

पहली रचना के प्रकाशन के लिए मुबारकबाद यहाँ तक का रास्ता हमने दिखाया ज़रूर है पर आगे आपकी अपनी  मेहनत है...

 

दीपक कुल्लुवी 

Comment by Naval Kishor Soni on August 23, 2012 at 11:43am

आदरणीय फूल सिंह जी ,बधाई-------

Comment by Rekha Joshi on August 23, 2012 at 11:30am

संकल्प ऐसे हृदय धरो

सामाजिक बुराइयों का अंत करो

समर्पित धरती माँ को जीवन कर

अपने दायित्व की पूर्ति करो

मुझ पर ये एहसान करो,अति सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय फूल सिंह जी ,बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service