For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेटियां मरती नहीं (छंदमुक्‍त)

ऑनर किलिंग पर एक रचना

 

बेटियां मरती नहीं

मेरे बालों में
वही फूलोंवाली क्लिप
अभी भी लगी है
और फैली है
मेरे चेहरे पर
तुम्‍हारी वही

मीठी नजर


बस तुम्‍हारी आकृति
थोड़ी अस्‍पष्‍ट
हो गई है..........
और दिख रही है
सकते में दीदी
अपने मकड़जाले में
खुद को खोजती........

मॉं...................
मेरी तस्‍वीर के
आसपास बिखरे
गेंदे, गुलाब की पंखुरियां
और वह पॉलीथीन
जिसमें मेरी देह
पैक की गई थी
दे देना 'उसे'
ताकि पापा के
चेहरे पर
'कंटक टलने ' का इत्‍मीनान
स्‍थायित्‍व पा सके

मॉं..............................
कुछ भी तो
अप्रत्‍याशित नहीं था
सिवाय उस नीले
फूल के
जो अनायास ही
मेरी पूजा की थाली में
आ गिरा था
और नीला हो गया था
तुम्‍हारा, पापा का हरित प्रेम
साथ ही मेरी देह भी.........

तुम्‍हारे लोकाचार का काठ.......
मेरी देह से उठती लपट
में भींगकर
अब तो भारी
हो ही गया होगा........

लेकिन..............
शायद तुम भूल गई
कि बेटियां मरती नहीं
छोड़ जाती हैं
अपने पीछे
शकुंतला की परंपरा
किसी महाकवि के लिए

Views: 444

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 14, 2012 at 11:21pm

मॉं...................
मेरी तस्‍वीर के
आसपास बिखरे
गेंदे, गुलाब की पंखुरियां
और वह पॉलीथीन
जिसमें मेरी देह
पैक की गई थी
दे देना 'उसे'
ताकि पापा के
चेहरे पर
'कंटक टलने ' का इत्‍मीनान
स्‍थायित्‍व पा सके

क्रूरता को थप्पड़ मारती लाजबाब रचना ...काश ऐसे माँ बाप न ही मिलें किसी को राजेश जी ...सुन्दर 
जय श्री राधे 
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५ 

 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 14, 2012 at 10:47pm

//शायद तुम भूल गई
कि बेटियां मरती नहीं
छोड़ जाती हैं
अपने पीछे
शकुंतला की परंपरा
किसी महाकवि के लिए//

राजेश कुमार झा जी ! आपकी यह गहन रचना अंतर्मन तक को झिंझोड़ देती हैं ! गज़ब के भाव चित्रित किये हैं आपने .......साधुवाद मित्र !

Comment by राजेश 'मृदु' on August 14, 2012 at 10:24pm

प्राची जी, आभारी हूं कि आपने इतनी सुंदर टिप्‍पणी दी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 14, 2012 at 4:15pm
गजब की गहनता है आपकी इस रचना में, क्या ही भाव दशा का जिया है इस काव्य की हर एक पंक्ति के साथ और अंत तो अद्भुत है.

हार्दिक बधाई इस अभिव्यक्ति के लिए राजेश कुमार जी
Comment by राजेश 'मृदु' on August 14, 2012 at 2:15pm

लक्ष्‍मण जी, सौरभ जी आप दोनों का हार्दिक आभार । आपकी टिप्‍पणी से बहुत बल मिला ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 14, 2012 at 12:25pm

मेरी तस्‍वीर केआसपास बिखरेगेंदे, गुलाब की पंखुरियां और वह पॉलीथीनजिसमें मेरी देह पैक की गई थी-  दे देना 'उसे'ताकि पापा केचेहरे पर'कंटक टलने ' का इत्‍मीनान स्‍थायित्‍व पा सके | वाह वाह भाई राजेश कुमार झा ऑनर किलिंग पर इससे बढ़िया शब्द नहीं हो सकते | हार्दिक बधाई | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 14, 2012 at 9:15am

कि बेटियां मरती नहीं
छोड़ जाती हैं
अपने पीछे
शकुंतला की परंपरा
किसी महाकवि के लिए 

वाह !इस रचना के सभी बिम्ब सही इंगित को जीते हैं. संवेदनाओं और संभावनाओं से भरी इस रचना के लिये हृदय से धन्यवाद, भाई राजेशजी. बहुत-बहुत धन्यवाद और बधाइयाँ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service