For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१. फूँक रहा क्यों जिन्दगी, ऐ मूरख इंसान |
मर जाएगा सोच ले, छोड़ धुँए का पान ||

२. बीड़ी को दुश्मन समझ, दानव है सिगरेट |
इंसानों की जान से, भरते ये सब पेट ||

३. शुरू-शुरू में दें मजा, कर दें फिर मजबूर |
चले काम या ना चले, ये चाहिए जरूर ||

४. जला-जला के फेफड़ा, भरते जाते टार |
कर अंदर से खोखला, कर देते बेकार ||

५. रोगी बनता मुँह-गला, दिल होता बीमार |
कभी साँस अटके कभी, सिर को लगती मार ||

६. जो ले आये मौत को, मत लो वो उपहार |
तौबा कर सिगरेट से, जानो जीवन सार ||

७. घिसट-घिसट के है मिला, ये जीवन अनमोल |
नहीं उड़ाने के लिए, आग-धुँए के मोल ||

Views: 497

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 4, 2012 at 11:05pm

गौरव जी

         नमस्कार,

 जला-जला के फेफड़ा, भरते जाते टार |
कर अंदर से खोखला, कर देते बेकार ||

बहुत सुन्दर और आवश्यक सन्देश देते दोहे के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें.

 

Comment by Albela Khatri on August 1, 2012 at 9:48pm

बढ़िया काम किया आपने.......अभिनन्दन !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 1, 2012 at 9:44pm

आदरणीया रेखा जी आपका हार्दिक आभार.......

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 1, 2012 at 9:43pm

वैचारिक समर्थन के लिए आपका धन्यवाद आदरणीया प्राची जी........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 1, 2012 at 9:41pm

अलबेला भैया, सिगरेट-शराब ये सब ऐसी चीजें हैं जो धीरे-धीरे लोगों को खातीं हैं.......लोग समझते नहीं और इनका सेवन किये जाते हैं.....इसी प्रवृति के विरोध में मेरे ये दोहे हैं......प्रशंसा के लिए आभार.......

Comment by Rekha Joshi on August 1, 2012 at 8:32pm

जो ले आये मौत को, मत लो वो उपहार |
तौबा कर सिगरेट से, जानो जीवन सार || बढ़िया सन्देश देती हुई रचना पर आपको हार्दिक बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 1, 2012 at 11:45am

इस सार्थक जिम्मेदाराना संदेशपरक दोहावली रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई, कुमार गौरव जी.

Comment by Albela Khatri on August 1, 2012 at 11:23am

वाह कुमार गौरव जी
सार्थक दोहे............

६. जो ले आये मौत को, मत लो वो उपहार |
तौबा कर सिगरेट से, जानो जीवन सार ||

७. घिसट-घिसट के है मिला, ये जीवन अनमोल |
नहीं उड़ाने के लिए, आग-धुँए के मोल ||

__बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service