For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"चल कल्लुआ जल्दी से दारु पिला, आज मैं बहुत खुश हूँ |"
"अरे वाह, पर ऐसी क्या विशेष बात हो गई बिल्लू दादा ? 
"यार, कल शाम जिस गुप्ता के घर में हम लोगो ने चोरी की थी न, उसने थाने में रपट दर्ज करा दी है |"
"तो दादा इसमें कौन सी ख़ुशी की बात है ?"
"ख़ुशी की बात तो यह है कल्लुआ, हम लोगों ने उसके घर से करीब २० लाख का माल उड़ाया और गुप्ता ने महज ३ लाख चोरी की ही रपट लिखाई है"
"वाह यह तो सचमुच ख़ुशी की बात है, दरोगा को हिस्सा भी कम देना पड़ा होगा"
"अरे नहीं रे, ऊ ससुरा दरोगा बहुत काइयां है, वो पहले ही भांप गया था कि हम लोगों ने लम्बा हाथ साफ़ किया है सो  अपना हिस्सा पूरा ले लिया"
"पर दादा एक बात समझ में नहीं आई कि गुप्ता ने केवल तीन लाख की चोरी की ही रपट क्यों लिखाई ?"
"कल्लुआ तू समझता नहीं है, वो गुप्ता इनकम टैक्स चुराने के लिए ये सब नाटक कर रहा है "
" ओह तो यह बात है"
"तो दादा, लोग चोर हमें ही क्यों कहते हैं ?"

एक अनुरोध :- दो दिनों बाद भी मैं इस लघु कथा का सटीक शीर्षक देने में असमर्थ रहा, यदि आप मित्रगण कोई शीर्षक सुझा सकें तो मैं आभारी रहूँगा |

Views: 866

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 14, 2012 at 9:21pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार संजय भाई, जन्म दिन बहुत बहुत मुबारक हो, बीच पार्टी से आकर कथा को सराहने हेतु अतिरिक्त आभार स्वीकार करें |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 14, 2012 at 9:19pm

आदरणीय अलबेला जी, आपकी सराहना निश्चित ही उत्साहवर्धक है, बहुत बहुत आभार |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 14, 2012 at 9:16pm

आदरणीय भाई अम्बरीश जी, विद्वान जनों से सराहना पाना सचमुच प्रसन्नता की बात होती है , उत्साहवर्धन एवं सराहना हेतु कोटिश : आभार स्वीकार कीजिये |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 14, 2012 at 9:14pm

आदरणीया रेखा जोशी जी, प्रणाम स्वीकार कीजिये, माध्यम भले अम्बरीश भाई बने किन्तु आशीर्वाद तो मुझे ही ना मिला :-)))

यह तो और ख़ुशी की बात है कि आपने मेरी लघु कथा को अम्बरीश भाई जैसे स्थापित साहित्यकार के सृजन तुल्य स्थान दिया, सराहना हेतु बहुत बहुत आभार |

Comment by Arun Sri on July 14, 2012 at 8:55pm

बढ़िया व्यंग !मेरे ख्याल से इसका शीर्षक होना चाहिए "बड़ा चोर " !

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 14, 2012 at 8:47pm

आदरणीय श्री गणेश जी बागी लघु कथा बहुत सुन्दर और प्रभावी है  इसमें व्यंग भी छुपा है और सन्देश भी | इसका शीर्षक मेरे अनुसार 

"चोर के घर चोरी"या "चोर के घर चोरी की रपट" हो सकत है |
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 
Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 14, 2012 at 7:18pm

आदरेया रेखा जी ! इसमें क्षमा माँगने जैसी क्या बात है ....

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 14, 2012 at 7:13pm
चोर चोर मौसेरे भाई ...
शरीफ चोर 
चोर ही क्यों चोर ??
चोरों की जमात 
ये सब चोर हैं ??
आदरणीय बागी जी बधाई ...सशक्त लघु कथा ...बड़ी बात कह गयी ..कह ही नहीं उन सब की कलई खोल के गाल लाल कर गयी तमाचा मार ...
जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 
Comment by Rekha Joshi on July 14, 2012 at 6:56pm

आदरणीय अम्बरीश जी ,क्षमा प्रार्थी हूँ 

Comment by Rekha Joshi on July 14, 2012 at 6:54pm

आदरणीय बागी जी ,सादर नमस्ते ,सबसे पहले मे क्षमा प्रार्थी हूँ मैने गलती से अम्बरीश जी के नाम कमेन्ट दे दिया ,मुझे आपकी लिखी हुई लघु कथा बहुत  पसंद आई,सशक्त कथा ,जब तीनो ने चोरी की तो सभी चोर है ,मेरी और से आपको हार्दिक बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"2122 1212 22 जान फँसती है जब भी आफ़त में बढ़ती हिम्मत है ऐसी हालत में 1 और किसका सहारा होता है…"
20 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सादर अभिवादन आदरणीय कबीर सर जी नमन मंच"
31 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"जिसको देखो वही अदावत मेंकौन खुश है भला सियासत में।१।*घिस गयी जूतियाँ थमीं साँसेंकेस जिसका गया…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सादर अभिवादन आदरणीय।"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम साहिब को सादर अभिवादन "
6 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सबका स्वागत है ।"
7 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . रोटी

दोहा पंचक. . . रोटीसूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । क्षुधित उदर के सामने , फीके सब जज्बात ।।मुफलिस…See More
12 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Wednesday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा पंचक - राम नाम

तनमन कुन्दन कर रही, राम नाम की आँच।बिना राम  के  नाम  के,  कुन्दन-हीरा  काँच।१।*तपते दुख की  धूप …See More
Wednesday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service