For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं हूँ स्वछन्द ,नीर की बदरी, जहां चाहे बरस जाऊँगी 
मैं कोई धागा तो नहीं, जो सुई के पीछे आऊँगी | 
मैं  हूँ मस्त पवन कि खुशबू, जहां चाहे बिखर जाऊँगी 
मैं कोई काजल तो नहीं, जो पलकों में सिमट जाऊँगी | 
मैं  हूँ उन्मुक्त सशक्त पतंग, उच्च गगन लहराऊँगी 
मैं कोई मैना तो नहीं, जो पिंजरे बीच कैद हो जाऊँगी | 
मैं  हूँ पाषाण हिय कि नारी, अपनी क्षमता दिखलाऊंगी 
मैं कोई शुष्क लकड़ी तो नहीं, जो आरी से कट जाऊँगी | 
मैं  हूँ आज की शिक्षित नारी, कभी न  शीश झुकाउँगी 
नारी अबला होती है यह, प्रचलित कथन मिटाऊँगी |

Views: 555

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 30, 2012 at 2:12pm

महिमा जी बहुत बहुत आभार आपका |

Comment by MAHIMA SHREE on April 30, 2012 at 1:56pm
मैं हूँ मस्त पवन कि खुशबू, जहां चाहे बिखर जाऊँगी
मैं कोई काजल तो नहीं, जो पलकों में सिमट जाऊँगी |
आदरणीया राजेश दी ..
सुंदर अभिवयक्ति... बधाई स्वीकार करें

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 30, 2012 at 1:05pm
शलेन्द्र कुमार जी हार्दिल आभार कविता को सराहने के लिए 
  
Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 30, 2012 at 12:21pm

मैं हूँ स्वछन्द ,नीर की बदरी, जहां चाहे बरस जाऊँगी
इस शानदार अभिव्यक्ति पर बधाई स्वीकार करें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 27, 2012 at 1:04pm

aabhar vandana ji bahut bahut shukria.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 27, 2012 at 8:13am

बहुत बहुत आभार छोटू  जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 27, 2012 at 8:13am

बहुत बहुत आभार अविनाश बागडे जी 

Comment by AVINASH S BAGDE on April 26, 2012 at 9:40pm

मैं  हूँ मस्त पवन कि खुशबू, जहां चाहे बिखर जाऊँगी 
मैं कोई काजल तो नहीं, जो पलकों में सिमट जाऊँगी | 

sashakt bhav...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 26, 2012 at 9:09pm

बहुत बहुत आभार गणेश बागी जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2012 at 8:33pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी, बहुत ही ससक्त अभिव्यक्ति है, आज की नारी सब कुछ कर सकती है और करती भी है, इस शानदार अभिव्यक्ति पर बधाई स्वीकार करें |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service