For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इंतज़ार बस इंतज़ार.............

है प्रियवर,  तुम  कब  आओगे  भेजो  तुम  सन्देश 

थक  गई  मोरी  अँखियाँ अब  तो  भेजो  तुम  सन्देश 

भेजो  तुम  सन्देश  प्रिये  तो झपकूँ अपने  नैन 

राह  तकूँ मै हर  आहट पे  देखूँ  द्वारे  ओर

ना  जाने  क्यों  आज  भ्रमित हो  मेरा  मन  घबराये 

मेरा  मन  घबराये  प्रियवर क्यों  तुम  मुझको  बिसराए ?

अपने  मन  की  आकुलता  को  केसे  मैं  समझाऊँ ?

कैसे   मै  समझों  प्रिये  कि तुम  बिन  जीवन  सुना - सुना  है 

मेरी  पीड़ा  के  सागर  को  मथने  तुम  कब  आओगे  ?

इसी  प्रश्न के  उत्तर हेतु  तुमको  पाती  भेज  रही  I

है  प्रियवर  तुम कब  आओगे  तुम  कब  आओगे ......

                                                                                               मोनिका जैन "डॉली"

Views: 428

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on March 3, 2012 at 12:27pm

भाव पूर्ण रचना पर बधाई स्वीकार  करें 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on March 3, 2012 at 10:19am

बहुत सुन्दर प्रयास है मोनिका जी, जिसके लिए आप बधाई की पात्र हैं. कृपया आदरणीय सौरभ जी की बात पर भी गौर फरमाएँ

.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 2, 2012 at 10:43pm

मोनिकाजी, इस रचना को गेय बनाया जा सकता था.  भाव और शब्द के साथ कहन-विधा भी एक तत्त्व है न !

भावपूर्ण रचना की प्रस्तुति हेतु बधाई.   शुभेच्छा.

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 2, 2012 at 11:44am

सुन्दर भावों की प्रस्तुति मोनिका जी| आभार..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 2, 2012 at 11:35am

virah ki agan virah vedna ko prastut karti hui rachna bahut sundar.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 2, 2012 at 11:28am

थक  गई  मोरी  अँखियाँ अब  तो  भेजो  तुम  सन्देश 

sundar bhav, badhai


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 2, 2012 at 10:10am

मोनिका जी, दिल में उठ रहे भावनाओं को अनगढ़े रूप में जस की तस रख दी है, बढ़िया है, कविता की पहलु पर और कसने की जरुरत है, संभावनाएं आप में बहुत है , आप यूँ ही लिखती रहिये , बधाई इस प्रयास पर |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service