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एक लड़की ( हास्य)

 
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
प्रेम - जाल मैं डाल के थक गया, पर कुड़ी नहीं फंसती है .
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
रहती है मेरे पड़ोस में वो, कुछ चंचल - कुछ शोख है वो.
ना गोरी - ना काली है, सांवली है - मतवाली है.
झील सी गहरी आँखें हैं , ज़ुल्फ़ यूँ काली राते हैं.
लहरों जैसी बल खाती, दुल्हन जैसी शरमाती .
चेहरा चाँद है पूनम का, होंठ सुमन है उपवन का.
नाम है उसका नील कमल, वो है ज़िंदा ताजमहल.
साँसे मेरी थम जाती, जब थम - थम के वो चलती है .
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
आती है वो ख़्वाबों में, दिखती है वो किताबों में.
ख्यालों से मैं चिपट गया, सपनों से मैं लिपट गया.
अपना ही दिल जेल हुआ, इम्तहान में फेल हुआ.
छा गई दिल पर बादल सा, हो गया मैं कुछ पागल सा.
प्रेम- अस्त्र का वार किया, हाले दिल इज़हार किया.
ना सोचा - ना देर किया, ख़त खिड़की में फेंक दिया.
तब से वो खिड़की हरजाई , नहीं दुबारा खुलती है.
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
सुबह - सबेरे जागता हूँ , दिन भर पीछे भागता हूँ.
गली में उसकी घुमता हूँ, चौखट उसकी चूमता हूँ.
दिन भर मुँह चलाती है, पर कुछ तरस न खाती है.
एक दिन उसने बुलवाया, लाल लिफाफा पकड़ाया.
मन - मयूर मेरा झूम गया, पढ़ा तो माथा घूम गया.
सनम ने क्या एवार्ड दिया, अपनी शादी का कार्ड दिया.
अब जब मुझको देखती है तो, मुँह दबा कर हंसती है.
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
                   ---------------  सतीश मापतपुरी

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Comment by satish mapatpuri on February 19, 2012 at 5:14pm
आप सभी मित्रों का दिल से आभार
Comment by Arun Sri on February 16, 2012 at 1:39pm

जहाँ से कहानी शुरू हुई वही आ गई !

//मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.//


Comment by आशीष यादव on February 15, 2012 at 11:12am
Bahut khub sir.
Sundar prastuti
Comment by AVINASH S BAGDE on February 15, 2012 at 11:09am

सनम ने क्या एवार्ड दिया, अपनी शादी का कार्ड दिया.....sandesh kitana HARD diya.

Comment by praveen singh "sagar" on February 15, 2012 at 10:06am

AAjkal ke Prem ke prati  yuwa varg ki manodasha bade achhe tarike se pesh ki hai apne.........

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