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ये बिहार है (गौरव गीत )

सब धर्मों का एक सा आदर , ऐसा यहाँ आचार है.
होते हैं भगवान अतिथि , ऐसा यहाँ विचार है.
ये बिहार है ................ ये बिहार है.
महावीर का सन्देश है - यहाँ बुद्ध का उपदेश है.
यहाँ आर्य भट्ट का खगोल  है - यहाँ माटी भी  अनमोल है.
नालंदा का यहाँ ज्ञान  है - यहाँ सीता का सम्मान है.
अशोक का है शौर्य यहाँ - आम्रपाली  का सौन्दर्य यहाँ.
यहाँ बाल्मीकि का सृजन है - यहाँ गुरु गोविन्द का जन्म है.
शेरशाह का जोश है - उस जोश में पर होश है.
यहाँ कुँअर का स्वाभिमान  है -   गंगा को दिया बलिदान है..
यहाँ गाँधी का आगाज़ है - जीने का एक अंदाज़ है.
शिक्षा यहीं से है शुरू - यह विश्व का आदि गुरु.
गणतंत्र का आधार है - गंगा की पावन धार है.
ये बिहार है ................ ये बिहार है.
विद्द्यापति का गान है - भिखारी की यहाँ तान है.
चैता यहाँ, यहाँ फाग है - कजरी, बिदेसिया राग है.
सोरठी का अपना अलग रंग - लोरिकायन का है धुन दबंग.
झिझिया पे थिरके हर कदम - यहाँ ज्ञान - कला  का  है संगम.
यहाँ यार के लिए प्यार है - अपनों का यह घर-बार है.
जो करते हम पर वार हैं - तो हर नज़र तलवार है.
ये बिहार है ................ ये बिहार है.
                    गीतकार - सतीश मापतपुरी

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Comment

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Comment by satish mapatpuri on December 6, 2011 at 5:01pm
आदरणीय सौरभजी, सराहना के लिए सादर आभार मित्रवर. आपसे बेहतर कौन जान सकता है कि चाहे रचनाकार हो या कलाकार हो उसकी सोच प्राय:सकारात्मक ही होती है .................. वह अपनी कल्पनाओं में खुबसूरत चित्र उकेरा करता है ..............  "आपने गीतकार का धर्म निभाया है" इस पर हार्दिक साधुवाद कुबूल करें आदरणीय 
Comment by satish mapatpuri on December 6, 2011 at 4:53pm
धन्यवाद गणेश जी, लिखते समय जो शिल्प , शैली, शब्द और तकनीक दिमाग में आते हैं, वही लिखा जाता है. मैं आपके सुझाव के आलोक में प्रयास करूंगा

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 6, 2011 at 12:43pm

आदरणीय सतीश भईया, इसमें कोई शक नहीं की बिहार गौरव गाथा के लिए जो जो तथ्य आपने समाहित किया है उससे इस गीत का सौंदर्य वर्धन में सहायक है, किन्तु पता नहीं क्यों शब्दों का बिखराव लगता है, मेरा अनुरोध है की इन्ही शब्द, तथ्यों को जरा और कसने का प्रयास करे निश्चित बहुत ही बढ़िया गीत बन सकेगा | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 6, 2011 at 8:03am

बिहार राज्य !.. एक ऐसा राज्य जो अपने हर हाल में सभी का ध्यान खींचता है.. अपने अतीत के उच्च क्षणों से लेकर वर्तमान की अँगड़ाइयों तक से अभिभूत करता रहा है.

भोले लोगों की भावनाओं से गंदे लोग खेलते हैं जो ’बाहरी’ नहीं होते अपने ही कंधों का इस्तमाल कर कंगूरों पर चढ़े विशिष्ट बने होते हैं. इस माहौल में विजय और सकारात्मक गाथा गा कर आपने गीतकार का धर्म निभाया है.

आपको हार्दिक बधाइयाँ. 

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